कांड्रा: भाषा एवं संस्कृति को बचाने एवं 1932 खतियान को लागू करने के लिए जिला परिषद सुधीर महतो के नेतृत्व में रविवार को कांड्रा यूनियन ऑफिस सभागार में एक बैठक अयोजित की गई, जिसमें जिला स्तरीय विरोध प्रदर्शन को लेकर रणनीति बनी. साथ ही कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने पर चर्चा की गई.
मौके पर अध्यक्षता कर रहे जिला परिषद सुधीर महतो ने बताया कि राज्य सरकार साजिश के तहत झारखंड में बगैर स्थानीय और नियोजन नीति लागू किए मगही, भोजपुरी और मैथिली को मान्यता देकर यहां के आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारियों का दमन करने पर आमादा है, जिसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा. उन्होंने जिला स्तरीय विरोध- प्रदर्शन को ऐतिहासिक बनाने की अपील की. मौके पर सुधीर महतो, विनय महतो, गौतम महतो, राहुल राजक, संजय महतो, भोला महतो, भास्कर महतो, बिनोद महतो, पप्पु महतो, अनिल महतो, धनंजय महतो, डॉक्टर महतो, कृष्णा मंडल, अखिलेश महतो, आकाश महतो, आदि उपस्थित थे.इधर गम्हरिया स्थित शहीद सुनील महतो समाधि स्थल पर भी रविवार को झारखण्ड भाषा संघर्ष समिति की बैठक रंजीत महतो की अध्यक्षता में हुई.
इस बैठक में भी खतियान आधारित स्थानीय निति लागू करवाने का संकल्प लिया गया और मगही, भोजपुरी और अंगिका को क्षेत्रीय भाषा का दर्जा दिये का विरोध किया गया. इस बैठक में जिला के प्रत्येक पंचायत में मुख्यमंत्री एवं स्थानीय संसद- विधायक के विरोध में पुतला दहन कार्यक्रम करने का निर्णय लिया गया.