खरसावां: जय जगन्नाथ के जयघोष के बीच खरसावां के हरिभंजा जगन्नाथ मंदिर में रविवार को प्रभु जगन्नाथ की स्नान यात्रा आयोजित की गई. हरिभंजा स्थित जगन्नाथ मंदिर में रविवार को श्रद्धा व उल्लास के साथ प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की स्नान यात्रा आयोजित की गयी.
मंदिर के गर्भगृह से भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, देवी सुभद्रा व सुदर्शन की प्रतिमा को पुरोहितों द्वारा वैदिक मंत्रोचार के साथ स्नान मंडप तक लाया गया. इसके बाद पहले सूर्य पूजा, फिर स्नान यात्रा की पूजा की गई. खरसावां मंदिर के गर्भ गृह से चतुर्था मूर्ति को स्नान मंडप पर ला कर स्नान कराया गया. इस दौरान अगरू, चंदन, गाय का घी, दूध, दही, मधु, हल्दी आदि का लेप भी लगाया गया. इसके बाद भक्तों के उलूध्वनि व शंखनाद ध्वनि के बीच स्नान मंडप पर प्रभु जगन्नाथ को 35 कलश, बड़े भाई बलभद्र को 42 कलश, बहन सुभद्रा को 20 कलश व सुदर्शन को 11 कलश जल से स्नान कराया गया.
इस दौरान श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी. पारम्परा के अनुसार महा स्नान के पश्चात प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा बीमार पड़ जाते है. उन्हें अणसर गृह में रखा गया है. अब अगले 15 दिनों तक महाप्रभु के दर्शन नहीं होंगे. 19 जून को नेत्र उत्सव पर महाप्रभु के अलौकिक रुप के दर्शन होंगे. स्नान मंडप पर प्रभु जगन्नाथ के दर्शन को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है.
देर शाम चतुर्था मूर्ति को स्नानमंडप से अणसर गृह ला कर रखा गया. जहां अगले 15 दिनों तक गुप्त रूप से पूजा- अर्जना की जायेगी. अब 15 दिनों तक प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा का अलग- अलग जड़ी बूटियां देकर उपचार किया जाएगा.
इस दौरान मुख्य रुप से मंदिर के पुरोहित पं. प्रदीप दास, बलराम दास, जगन्नाथ त्रिपाठी ने पूजा अर्चना की. मौके पर जमीनदार विद्या विनोद सिंहदेव, संजय सिंहदेव, राजेश सिंहदेव, पृथ्वीराज सिंहदेव, धनंजय सिंहदेव, जगन्नाथ सिंहदेव समेत बड़ी संख्या में लोग महा प्रभु के स्नान यात्रा में पहुंचे थे.
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