सरायकेला: सरायकेला छऊ शैली को शास्त्रीय शैली में रूपांतरित करनेवाले परिमार्जित छऊ शैली के जनक स्वर्गीय कुंअर विजय प्रताप सिंहदेव की 130वीं जन्म जयंती राजकीय छऊ नृत्य कला केन्द्र सरायकेला में छऊ कलाकारों ने भव्य रुप से मनाई.


एसएनए अवार्डी गुरु ने की श्रद्धांजलि सभा का नेतृत्व
एसएनए अवार्डी गुरु ब्रजेंद्र कुमार पट्टनायक और सुधांशु पाणी के नेतृत्व में संपन्न इस श्रद्धांजलि सभा में सबसे पहले उपस्थित सभी गणमान्य और कलाकारों के समूह ने कुंअर विजय प्रताप सिंहदेव जी के तैल्यचित्र पर पुष्पांजलि अर्पण किया. पूर्व नगर पंचायत उपाध्यक्ष और सरायकेला छऊ आर्टिस्ट एसोसिएशन के संरक्षक मनोज कुमार चौधरी ने कुंवर साहब की सरायकेला छऊ शैली को शास्त्रीयता से ओतप्रोत शैली बनाने और वैश्विक स्तर पर इसे मान्यता दिलाने की अमूल्य योगदान के बारे में चर्चा की.
आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष ने की कुंवर साहब की जीवनी पर चर्चा
आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष भोला महांती ने कुंअर साहब के बारे में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि कुंअर साहब सरायकेला छऊ को शास्त्रीय मर्यादा दिलाने के साथ-साथ इस कला को और ऊंचाई देने के लिए सरायकेला राजपरिवार के सदस्यों को भी छऊकला के साथ जोड़ दिया.
युवा कलाकार ने की कुंवर साहब की जीवन दर्शन पर चर्चा
युवा कलाकार श्री रजतेंदू रथ ने कुंवर साहब की जीवन दर्शन पर विस्तार से अपने उद्गार व्यक्त किए. राजकीय छऊ नृत्य कला केन्द्र के समन्वयक सह आर्टिस्ट एसोसिएशन के सचिव सुदीप कवि ने मंच का सफल संचालन किया और कुंवर साहब के योगदान पर चर्चा की. वहीं विशिष्ट शहनाई वादक सुधांशु शेखर पाणी ने धन्यवाद ज्ञापित किया उसके बाद कार्यक्रम का समापन हुआ.
