कांड्रा / Bipin Varshney आठ दिनों तक मौसीबाडी में विश्राम करने के पश्चात नौवें दिन महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलराम एवं बहन सुभद्रा की घर वापसी जयकारों के साथ हुई. पुरातन परम्पराओं के बीच भगवान मौसीबाडी में पूजे जाने के बाद उत्साह के साथ कांड्रा के जगन्नाथ मंदिर पहुंचा.
बाहुडा रथयात्रा के दौरान कांड्रा में भक्तों की काफी भीड उमड़ी. मौसीबाडी में विश्राम करने के पश्चात नौवें दिन महाप्रभु वापसी के लिए निकले. इस दौरान भगवान जगन्नाथ के दर्शन के लिए भक्तो की भीड उमड पडी. वापसी के पूर्व मौसीबाडी में विधि विधान के साथ पूजा- अर्चना की गई. भगवान को तरह तरह के फल, पकवान, मिठाईयों का भोग चढाया गया. नौ रूपों में पूजे जाने वाले महाप्रभु का रथ खींचने को लेकर श्रद्वालुओं में होड़ मची रही.
बुधवार शाम भगवान जगन्नाथ के रथ घर वापसी के लिए निकली. जो देर शाम जगन्नाथ मंदिर पहुंचा. रथयात्रा के दौरान जगह जगह दुकाने सजी रही. बाहुडा रथयात्रा के दौरान महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलराम एवं बहन सुभद्रा के दर्शन करने लिए विभिन्न गांवों से श्रद्वालु पहुचे थे. इस दौरान रथयात्रा मार्ग पर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर कांड्रा पुलिस के जवान तैनात थे. रथ यात्रा को सफल बनाने में मुख्य रूप से पुजारी बाबा भैरवनाथ गिरी, विजय महतो, होनी सिंह मुंडा, राम महतो, लालबाबू महतो, दिलीप दे,दुर्गा राव, शक्ति मोदक, विनोद सेन, अतुल शुक्ला, महावीर सिंह, राजकुमार गुप्ता, रामपदो कालिंदी, गौतम महतो, अखिलेश महतो, राहुल बनर्जी, आशीष,आकाश महतो, संजू परिहारी, अंकित महतो ,सचिन, राकेश, मुकेश, रोहित, आदि का योगदान रहा.
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