दुमका: बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) ने रिकॉर्ड समय में बालिका को गोद देने की प्रक्रिया पूरी कर दी है. बक्सीबांध स्थित विशिष्ट दत्तक ग्रहण संस्थान (एसएए) में आवासित इस बालिका को बाल कल्याण समिति के चेयरपर्सन अमरेन्द्र कुमार, सदस्य रंजन कुमार सिन्हा, डॉ राज कुमार उपाध्याय, कुमारी विजय लक्ष्मी, नूतन बाला, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी प्रकाश चंद्र, एसएए के प्रभारी तारिक अनवर, सामाजिक कार्यकर्ता वहीदा खातून ने सोमवार की शाम कर्नाटक राज्य के बैंगलोर के एक दंपत्ति के गोद में सौंप दिया.


मौके पर बाल गृह बालक के सुपरिटेंडेंट संजू कुमार भी मौजूद थे. पति- पत्नी की गोद भर जाने से दोनों के चेहरे खुशियों से खिल उठे. बता दें कि साल 2018 से अबतक दुमका से दिया गया यह 12वां एडोप्सन है. 25 दिसम्बर 2021 को जन्मी इस बालिका के जैविक माता- पिता को खोजने के लिए बाल कल्याण समिति ने अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किया था. जब अखबारों में विज्ञापन प्रकाशन के 60 दिनों तक कोई भी इस बच्ची का माता-पिता होने का दावा करने के लिए सामने नहीं आया तो समिति ने जरूरी कागजी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए 18 अगस्त 2022 को इस बच्ची को एडोप्सन के लिए कानूनी रूप से मुक्त घोषित कर दिया.
बैंगलोर के एक निःसंतान दंपत्ति को कारा (सेंट्रल एडॉप्शन रिसोर्स अथॉरिटी) के वेबसाइट में 2021 में किये गये निबंधन के तहत इस बालिका को गोद लेने के लिए आवेदन दिया और वांछित आवश्यक कागजातों की जांच के बाद सोमवार को उक्त बालिका को उन्हें सौंप दिया गया.
