झारखंड के विभिन्न हिस्सों से वृहद झारखंड जनाधिकार मंच के कार्यकर्ता खरसांवा गोली कांड 1948 में हुए शहीदों को श्रद्धांजलि देने पहुंचे। कार्यक्रम का नेतृत्व मंच के केंद्रीय अध्यक्ष बिरसा सोय किया। मंच की ओर से तैयार सभा स्थल से कतारबद्ध होकर खरसांवा गोली कांड में शहीद हुए शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। इससे पूर्व सभा स्थल से 1928 में वृहद झारखंड के प्रस्तावित नक्शा को जारी किया। इस दौरान वृहद झारखंड, मजबूत झारखंड के नारे को बुलंद किया। मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष श्री सोय ने कहा कि खरसांवा गोली कांड हुए करीब 73 वर्ष हो गए। लेकिन न तो शहिदों को न्याय ही मिल सका और न ही उनके परिजनों को आजाद भारत मे खोजने का प्रयास हुआ। हर साल यहां उन्हें नमन ओर याद करने लोगो के साथ देश और राज्य के नेताओं का जमावाड़ा होता है, लेकिन जिन सवालों को लेकर शहीदों ने शहादत हुई, वो अब भी अधूरा है। जबकि देखा जाए, तो कोल्हान में आजाद भारत के बाद इतनी बड़ी घटना हुई। इतिहासों को मिटाने का कार्य सभी सत्तादारी पार्टियों ने किया है। ऐसे में शहीदों के हूल को बेकार जाने नही दिया जाएगा। शहीदों के सपनों का झारखंड बनाने के लिए एक और संघर्ष करना होगा। श्री सोय ने कहा वीर शहीदों के अधूरे सपनों को साकार करने के लिए खरसावां शहीद स्थल से मंच ने हूलगुलन को तेज करने की शुरुआत की है। संघर्ष को मंजिल तक पहुचायेंगे। उन्होंने कहा कि एक जनवरी के दिन ही खरसावां हाट में 50 हजार से अधिक आदिवासियों की भीड़ पर ओड़िशा मिलिटरी पुलिस ने अंधाधुंध फायरिंग की थी। जिसमें 25 से 30 हजार लोग शहीद हुए। इस सभा स्थल में संविधान सभा के सदस्य जयपाल सिंह मुंडा स्वतंत्रा अधिनियम के तहत आदिवासी क्षेत्रों के करार की जानकारी देने पहुंचने वाले ही थे। लेकिन पुलिस ने भीड़ को घेर कर बिना कोई चेतावनी दिए निहत्थे लोगों पर गोलियां चलानी शुरु कर दी। आगे बताया कि खरसावां के इस ऐतिहासिक मैदान में एक कुआं था, भागने का कोई रास्ता भी नहीं था। कुछ लोग जान बचाने के लिए मैदान में मौजूद एकमात्र कुएं में कूद गए, पर देखते ही देखते वह कुआं भी लाशों से पट गया। आदिवासी समुदाय के लोग खरसावां को ओड़िशा में विलय किये जाने का विरोध करने के साथ ही वृहद झारखंड अलग राज्य की मांग की आवाज बुलंद कर रहे थे।
नारे लगा कर किया जयकार
इस दौरान मंच के सदस्यों ने शहीदों के याद में नारा लगाया गया। कार्यक्रम खरसवां गोली कांड व कोल्हान सहित झारखंड के वीर शहीद अमर रहे, अमर रहे, पोटो हो, केरसा हो, पंडुवा हो, नाराह हो, बोड़ो हो जोरोंग जीत, जोरोंग जीत, जोरोंग जीत। कोचे हो, जोंकों हो, बोरजो हो, रितुई-गुनडुई हो अमर रहे, अमर रहे। वीर बिरसा, सिद्दू-कानू, जयपाल सिंह मुंडा का जय-जयकार करते हुए पुरखो के जेहाद को सदैव जिंदा रखने का आह्वान किया।
इन्होने भी किया संबोधित
श्रंद्धाजलि समारोह को केंद्रीय उपाध्यक्ष राजीव मुंडा, केंद्रीय कार्यालय सचिव अनूप कुमार महतो,कानूनी सलाहकार अधिवक्ता रंजीत गिरी, केंद्रीय उपाध्यक्ष मानसिंह जमुदा, जिला अध्यक्ष पश्चिमी सिंहभूम ज्योतिष माहली,भारत उरांव, मंगल सिंह मुंडा,शंकर बेसरा, लॉरेंस जोजो,सकरी दोंगो, कुंवर सिंह सोय, पाईकरा बानरा, लखींद्र तांती, संजय मेलगांडी आदि ने संबोधित किया।
इन्होने भी दी श्रंद्धाजलि
सुकमती दोंगो, प्रकाश चंद्र, दुर्गा रजक, जेवियर गुड़िया, जॉनसन गुड़िया,लखी कांत साहू,राजू उड़िया, जयसिंह होनहागा, वकील हेम्ब्रम, संजय कुमार, सहित अन्य ने श्रंद्धाजलि दी।
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