भाई बहन के रिश्ते को कंलकित करने वाले दुष्कर्म के दोषी को न्यायालय ने 10 वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है। न्यायालय मुकेश कुमार पात्रे, विशेष न्यायाधीश (पाक्सो) बालोद द्वारा आरोपित रोशन साहू थाना रनचिरई को धारा 376, 506 को प्रमाणित मानते हुए पास्को की धारा के तहत दस वर्ष का सश्रम कारावास से दण्डित किया गया। प्रकरण विशेष लोक अभियोजक (पाक्सो) छन्नूलाल साहू के अनुसार 16 नवंबर 2016 को नाबालिग की प्रसव पीड़ा होने पर सीएचसी गुण्डरदेही में भर्ती कराया गया जहां पर प्रार्थिया की सूचना पर थाना रनचिरई द्वारा सीएचसी गुण्डरदेही पहुंचकर देहाती नालसी पर अपराध पंजीबद्घ किया गया। पीड़िता ने बताया कि आरोपित जो उसका सगा भाई है, ने जब माता-पिता घर में नहीं रहते थे तब उनके साथ जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाया है, जिसके कारण वह गर्भवती हो गई। पीड़िता ने आरोपित के डर के कारण घटना की जानकारी अपने माता-पिता को नहीं दी थी।
साथ ही पीड़िता द्वारा पुलिस को झूठी कहानी बताई थी कि घटना दिनांक से 7-8 माह पूर्व अपने गांव के भरी खार खेत तरफ गोबर उठाने अकेले गई थी तभी आरोपित अपने मुंह को बांधकर उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित किया और जान से मारने की धमकी देकर भाग गया। प्रकरण में पीड़िता, आरोपित और मृत बच्चे का डीएनए टेस्ट कराया गया था, जिसमें आरोपित और पीड़िता का मृत बालक का जैविक माता-पिता बताया गया था। विवेचना के बाद न्यायालय में चालान प्रस्तुत किया। जहां न्यायालय ने साक्षियों के परीक्षण उपरांत दोषी के विरूद्घ अपराध सिद्घ पाते हुए उक्त कारावास से दंडित किया गया।