नयी दिल्ली : चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से पूर्व बड़ा एक्शन लिया है. भारत निर्वाचन आयोग ने चुनाव आयोग की तारीखों के एलान के बाद कई अधिकारियों को हटा दिया है. पश्चिम बंगाल के डीजीपी राजीव कुमार को जहां हटाने के आदेश के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग ने उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के गृह सचिव को हटाने के आदेश दिया है. वहीं बिहार और झारखंड के गृह सचिव को भी हटाने का आदेश दिया गया है. बता दें यूपी में संजय प्रसाद गृह सचिव थे , उत्तराखंड में शैलेश बगौली यह जिम्मेदारी संभाल रहे थे. छह राज्यों के गृह सचिवों को हटाया गया है. इन छह राज्यों में बिहार भी शामिल है.
मिजोरम और हिमाचल प्रदेश में सामान्य प्रशासनिक विभाग के सचिव को भी हटा दिया गया है. आयोग ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे चुनाव संबंधी कार्यों से जुड़े उन अधिकारियों का तबादला करें, जो तीन साल पूरे कर चुके हैं या अपने गृह जिलों में हैं. महाराष्ट्र में कुछ नगर आयुक्तों और कुछ अतिरिक्त/उप नगर आयुक्तों के संबंध में निर्देशों का अनुपालन नहीं किया था. आयोग ने मुख्य सचिव को नाराजगी जताते हुए बीएमसी और अतिरिक्त/उपायुक्तों को आज शाम 6 बजे तक रिपोर्ट करने के निर्देश के साथ ट्रांसफर करने का निर्देश दिया.
मुख्य सचिव को महाराष्ट्र में समान रूप से पदस्थापित सभी नगर निगम आयुक्तों और अन्य निगमों के अतिरिक्त/उप नगर आयुक्तों को स्थानांतरित करने का निर्देश दिया गया. राजीव कुमार की अध्यक्षता में चुनाव आयुक्तों ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू की सदस्यता वाली आयोग की बैठक सोमवार को दोपहर में हुई. इन सात राज्यों में जिन अधिकारियों को हटाया गया है, उनके पास संबंधित राज्यों में मुख्यमंत्री के कार्यालय में दोहरे प्रभार थे, जो संभावित रूप से चुनावी प्रक्रिया के दौरान आवश्यक निष्पक्षता और तटस्थता खासकर संबंधित मामलों में समझौता कर सकते थे.
इसके अलावा, चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को हटाने के लिए भी आवश्यक कार्रवाई की गई है। इससे पहले राज्य में 2016 के विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान डीजीपी को किसी भी सक्रिय चुनाव प्रबंधन संबंधी ड्यूटी से हटा दिए जाने के कारण यह निर्णय लिया गया था.