खरसावां: देेश के निर्वाचित राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का सरायकेला- खरसावां जिले के खेलकूद एवं कला संस्कृति से अटूट रिश्ता रहा है. जब भी खेलकूद और छऊ की बात होती है, तो निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की यह बाते कि मैं भी छऊ परिवार से जुडी हूं, छऊ कलाकारों के कानों में गूंज उठती है. चाहे खेल का मैदान हो या छऊ का मंच, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति ही गौरवान्वित करती है.
झारखंड के राज्यपाल रहते द्रौपदी मुर्मू ने वर्ष 2016 में खरसावां के अर्जुना स्टेडियम में आयोजित छऊ महोत्सव और सरायकेला के भगवान बिरसा स्टेडियम में जिला स्पोटर्स एसोसिएशन सरायकेला- खरसावां द्वारा आयोजित जिला फुटबाॅल लीग के अर्जुना कप के समापन समारोह में शिरकत करते हुए कहा था, कि मैं भी छऊ परिवार से जुडी हूं. बचपन में भी छऊ नृत्य किया करती थी. गांव में बसी कला संस्कृति धीरे- धीरे शहरी परिवेश में बदलने लगा है. शहरी क्षेत्र के लोग गांव की संस्कृति को अपनाने लगे है. उन्होने कहा था कि हम जब छऊ नृत्य कला की बात करते हैं तो भारत के सांस्कृतिक क्षितिज पर हमारा सर ऊंचा हो जाता है. छऊ नृत्य इस क्षेत्र की कला संस्कृति की प्राचीन धरोहर है जिसकी चमक और सुगंध झारखंड से फैलकर संपूर्ण भारत वर्ष के साथ विश्व को सुगंधित कर रहा है.
क्षेत्र की माटी के लोगो में खेलकूद व कला संस्कृति रची- बसी है. फुटबाॅल, आर्चरी, क्रिकेट, हाॅकी, छऊ सहित सभी क्षेत्र में यहां की प्रतिभा आगे है. लोगो की सहभगिता से क्षेत्र की प्राकृति व संस्कृति को एक पहचान दें. इस दौरान खरसावां के छऊ नृत्य एवं खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए आश्वासन दिया था. उनके साथ तत्कालीन झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भारत के जनजातीय मामलों के केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंड़ा, स्थानीय विधायक दशरथ गागराई आदि उपस्थित थे.
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