पश्चिम बंगाल के आसनसोल दुर्गापुर पुलिस कमिश्नरेट के अंतर्गत पड़नेवाली वाली कुल्टी थाना व चौरंगी पुलिस फांड़ी को आर्मी इंटेलिजेंस के सहयोग से एक बड़ी कामयाबी हाथ लगी है. जहां पश्चिम बंगाल झारखंड सीमा से सटे चेक पोस्ट से कोलकाता के बाबू घाट से बिहार के गया जा रही एक यात्री बस महारानी एक्सप्रेस संख्या BR 2 H- 5211 से विस्फोटकों का जखीरा बरामद किया है.
पुलिस के अनुसार बस से दो काले रंग के बैग बरामद किए गए हैं जिस पर रिसीवर का नाम और एक पर्ची में कोड वर्ड लिखा हुआ है. उसको पश्चिम बंगाल और झारखंड के सीमा क्षेत्र के डिबुडीह चेकपोस्ट पर पकड़ा है. पुलिस की अगर माने तो उक्त बस कोलकाता के बाबू घाट से बिहार के गया जाने के लिए खुली थी. बस में दो काले रंग के बमों से भरे बैग भी रखे हुए थे.
जिस बैग पर बैग को रिसीव करने वाले का नाम भी लिखा हुआ था. जिसपर एक पर्ची में कोर्ड नंबर भी लिखा था. जो 12461 साथ ही बैग में रखे हुए बमों की कीमत व पाँच हजार रुपए एडवांस का भी जिक्र किया हुआ था. बमों की कीमत प्रति पीस एक हजार रुपए लिखी गई थी. पुलिस की अगर माने तो दोनों बैगों में करीब 30 देशी बम थे. यानी कुल मिलाकर 30 हजार रुपए के बम को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से बिहार के गया सफ्लाई किया जा रहा था. अब यह बम बिहार के किस जगह जाना था, और उस बमों को किस कार्य के लिए उपयोग करना था, इसका अभी तक खुलासा नही हो पाया है. पर पुलिस बैग में लिखे बम को रिसीव करने वाले व्यक्ति के नाम के आधार पर पड़ताल जरूर शुरू कर चुकी है. पुलिस यह उम्मीद जता रही है, कि बहुत जल्द ही बमों की तस्करी के इस गिरोह का पर्दाफाश कर बमों की तस्करी से जुड़े अन्य लोगों को भी गिरफ्तार कर लेगी. पुलिस गिरफ्तार दोनों आरोपियों को बुधवार को कोर्ट में पेश कर उन्हें पूछताछ के लिए रिमांड पर ले सकती है. वहीं पुलिस ने यह भी बताया के बस में कुल 18 यात्री सफर कर रहे थे. जिससे यह भी पता चल रहा है, कि जानबूझकर बस में ज्यादा यात्रियों को नही बैठाया गया, यानी के बस में बम की तस्करी पूरी तरह प्रिप्लांड थी.
बस के सारे स्टाफ को बस में हो रही बम की तस्करी की जानकारी थी. पुलिस बम की इस तस्करी मामले में बहुत ही गंभीरता के साथ जाँच में जुट गई है. और बम की इस तस्करी मामले में हर पहलुओं पर बहुत ही बारीकी से पड़ताल कर रही है.
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