गया: मौसम के बदले मिजाज के बाद मंगलवार की शाम में हुई बारिश और ओलावृष्टि के कारण गया जिले के बोधगया के रामपुर निवासी भेड़पालकों का लगभग डेढ़ सौ भेड़ काल के गाल में समा गए। रामपुर गांव के प्रह्लाद पाल, आदित्य पाल, महेंद्र कुमार पाल सहित अन्य भेड़पालक अपने भेड़ को गया-डोभी राष्ट्रीय राजमार्ग के पास बापूनगर में चरा रहे थे। इसी बीच शाम को जोरदार बारिश शुरू हुई। बारिश से बचाने के लिए भेड़ो को बगल के एक चहारदीवारी के अंदर कर दिया। लेकिन लगातार हुई बारिश से चारदीवारी के अंदर पानी ज्यादा भर गया। उसी में डूबकर और ओलावृष्टि के चोट से सभी भेड़ की मौत हो गई। ग्रामीण और भेड़पालकों ने उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया लेकिन बिजली की कड़क के सामने बेबस थे।
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स्थानीय ग्रामीण राजेश कुमार पाल ने कहा कि जिन लोगों की भेड़े मर गई, ये लोग इन्हीं पर आश्रित है। अब उनके समक्ष खाने पीने की समस्या उत्पन्न हो गई है। ये काफी गरीब तबके के लोग हैं। जिला प्रशासन से हम मांग करते हैं कि इन सभी को उचित मुआवजा देकर मदद की जाए।
राजेश कुमार पाल (ग्रामीण)
वही बोधगया के विधायक प्रतिनिधि विजय कुमार यादव ने इस घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि रामपुर गांव में बुनकर संघ की स्थापना की गई है। लेकिन सरकार द्वारा इसके लिए कोई ठोस नीति नहीं बनाई गई है कि इस तरह के आपदा में उन्हें किस प्रकार सहायता दी जाए? इन भेड़ पालकों के जीवन यापन का प्रमुख साधन भेड़ पालन ही है। इससे इनको भारी क्षति हुई है और भुखमरी की समस्या उत्पन्न होगी। इसलिए तत्काल इन्हें आर्थिक सहायता देकर उबारा जाए। साथ ही इसके लिए एक नीति बनाई जाए। जिससे इस प्रकार की आपदा में उन्हें मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि जहां कहीं भी भेड़ पालन का कार्य हो रहा है, वहां भेड़ को सुरक्षित रखने के लिए शेड का निर्माण किया जाना चाहिए।
विजय कुमार यादव (विधायक प्रतिनिधि)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट