झारखंड, बिहार, बंगाल और उड़ीसा के कुख्यात नक्सली सुप्रीम कमांडर 95 वर्षीय एक करोड़ के ईनामी प्रशांत बोस, उर्फ किशन दा उर्फ बूढ़ा अपनी पत्नी शीला मरांडी, चालक एवं एक महिला (संभवतः डॉली) व एक पांच साल की बच्ची के साथ शुक्रवार दिन के नौ से 9:30 के बीच सरायकेला- खरसावां जिले के कांड्रा थाना अंतर्गत गिद्दीबेड़ा टॉल प्लाजा से उस समय गिरफ्तार किया गया जब वह एक सफेद स्कोर्पियो पर सवार होकर चांडिल की ओर जा रहे थे. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार सुबह 5:00 बजे से ही लगभग 9 थानों की पुलिस एवं जिले के कई वरीय पुलिस पदाधिकारी, आईबी एवं एसटीएफ सादे लिबास में अलग-अलग छिपकर सफेद स्कॉर्पियो संख्या JH 22 C 2866 की प्रतीक्षा में थे. जैसे ही गिद्दी बेड़ा टोल प्लाजा पर उक्त नंबर की स्कॉर्पियो गाड़ी पहुंची.
पुलिस ने दबिश दी, और पांचों को दूसरे गाड़ी में शिफ्ट कर वापस सरायकेला की तरफ ले गई. वैसे दिन भर संभावनाओं और कयासों का दौर चलता रहा, हालांकि जिला पुलिस की ओर से इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है. माना जा रहा है कि कुख्यात नक्सली महाराज प्रमाणिक के अघोषित सरेंडर के बाद किशन दा उर्फ बूढ़ा की गिरफ्तारी हुई है. संभव है, कि महाराज प्रमाणिक ने किशन दा के मूवमेंट की जानकारी पुलिस को दी. किशन दा की गिरफ्तारी के बाद माना जा रहा है कि राज्य में नक्सल मूवमेंट कमजोर होगा. नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के जनक के रूप में प्रशांत बोस ने बड़ी भूमिका निभाई थी.
मूल रूप से पश्चिम बंगाल के रहनेवाले प्रशांत बोस बीमार चल रहे थे. उन्हें उनकी पत्नी शीला मरांडी नक्सली साथी डोली या अन्य एक स्थान से दूसरे स्थान पर लाते ले जाते थे, और उनका इलाज कराते थे. सूत्रों के अनुसार प्रशांत बोस सरायकेला इलाज कराने पहुंचे थे जहां से इलाज करा कर लौट रहे थे. फिलहाल पुलिस के आधिकारिक पुष्टि का इंतजार सभी को है.