सरायकेला/ Pramod Singh चार दिवसीय छठ महापर्व के दूसरे दिन बुधवार को व्रतियों ने सूर्यास्त के बाद खरना पूजा की. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. खरना पूजन को लेकर जहां व्रती दिनभर तैयारी में लगी रहीं, वहीं परिजन व सगे- संबंधी घाट को तैयार करने में जुटे रहे.
छठ पूजन की सामग्री की खरीदारी के लिए बाजार में काफी भीड़ उमड़ी. शहर के प्रमुख चौक-चौराहों व सड़कों पर सुबह से ही दुकानें सजने लगीं थीं. गुरुवार की संध्या में अस्ताचलगामी भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य दिया जाएगा. शुक्रवार को सुबह के अर्घ्य के पश्चात व्रती पारण करेंगी.
छठ महापर्व को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने निजी तौर पर भी अपने दरवाजे या छत पर कृत्रिम घाट का निर्माण कर छठ की तैयारी को अंतिम रूप देने में लगे हुए हैं. शुद्धता एवं साफ- सफाई के साथ दिन भर चावल चुनने के बाद सायंकाल में मिट्टी के चूल्हे पर आम की लकड़ी से बने गुड़ से बना खीर और दाल वाली रोटी के साथ व्रती महिलाओं ने खरना कर पूजा- अर्चना किया. लोक आस्था के इस पर्व में आस्था रखने वालों के साथ व्रतियों की टोली के संग शहर की सारी सड़कें छठ घाटों की ओर मुड़ेगी. गुरुवार की सायंकाल छठ लोक आस्था के पर्व का पहला अर्घ्य समर्पित होगा. घाटों पर उमड़ने वाली भीड़ को लेकर जिला प्रशासन तथा स्थानीय पुलिस प्रशासन एवं समाजसेवी संस्थाओं द्वारा सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. सरायकेला में श्रद्धालुओं द्वारा आकर्षक वेदी बनाया गया है.