आदित्यपुर: मंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार को नगर निगम क्षेत्र में संचालित योजनाओं की पुनः समीक्षा की. समीक्षा के दौरान मंत्री ने तीनों एजेंसियों के कार्यों पर नाराजगी जताते हुए तीन महीने के भीतर योजना को धरातल पर उतारने का निर्देश दिया.
जहां मंत्री ने साफ शब्दों ने कहा है कि यदि तीन महीने के भीतर एजेंसियां योजनाओं को धरातल पर नहीं उतारते हैं तो उनके खिलाफ 107 और 133 के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा.
वही मंत्री के निर्देश पर आज से ही मुफ्त पानी के कनेक्शन देने का कार्य शुरू हो गया. मंत्री की मौजूदगी में एजेंसी की ओर से लाभुक का आवेदन भरा गया. मंत्री चंपई सोरेन ने कहा कि 2018-19 से आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में सीवरेज- ड्रेनेज और जलापूर्ति को लेकर कार्य किया जा रहा है, बावजूद इसके परियोजना अब तक धरातल पर नहीं उतर सकी है, जबकि पूरा नगर निगम क्षेत्र नरक में तब्दील हो चुका है. लोग आज मूलभूत सुविधाओं को लेकर सरकार पर उंगलियां उठा रहे हैं.
उन्होंने साफ कर दिया है कि अगली समीक्षा बैठक तक यदि योजनाएं धरातल पर नहीं उतरती है तो एजेंसियों को ब्लैकलिस्टेड करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. वही मंत्री ने वन विभाग को भी चेतावनी देते हुए कहा है कि वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण कर भूमिया जमीन की खरीद बिक्री कर रहे हैं और जनहित से जुड़े मुद्दे पर विभाग को अनापत्ति प्रमाण पत्र देने में एतराज़ हो रहा है, ऐसा नहीं चलेगा. इससे सरकार की बदनामी हो रही है. विभाग एवं एजेंसी आपस में तालमेल स्थापित कर जनहित से जुड़े मुद्दे पर पहल करते हुए आपसी सामंजस्य बनाकर योजना को धरातल पर उतरने का काम करें.
वहीं हथियाडीह के 80 मौजा के ग्रामीणों से जियाडा द्वारा उद्योग के लिए अधिग्रहित जमीन पर आवासीय सेक्टर के निर्माण पर मंत्री ने सवाल उठाते हुए इसकी जांच के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि हथियाडीह के 80 मौजा के ग्रामीणों से उद्योग लगाने के नाम पर जियाडा ने जमीन का अधिग्रहण किया था, मगर उद्योग लगने के बजाय वहां आवास बनाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इसके जांच के आदेश दे दिए गए हैं. 3 महीने के अंदर उसकी रिपोर्ट तालाब की गई है.
इस समीक्षा बैठक में उपयुक्त रविशंकर शुक्ल, जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन, एडीसी सुबोध कुमार, विधायक प्रतिनिधि सनंद आचार्य, वन विभाग, जुडको, आदित्यपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त, सापुड़जी पालोनजी, जिंदल के अधिकारी सहित अन्य मौजूद रहे.