सरायकेला: सरायकेला खरसावां जिले के एक कलयुगी बाप और सौतेली मां की ऐसी करतूत सामने आई है जिसे जान आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. बुधवार को सरायकेला के बिरसा मुंडा स्टेडियम के समीप स्वतंत्रता दिवस को लेकर साफ सफाई के कार्य में लगे महिला मजदूरों ने दो भटकते बालकों को देख कर अपने स्थानीय हो भाषा में उनके भटकने का कारण पूछा, तो ऐसा दर्द छलका जिसे शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल हो रहा था. महिला मजदूरों ने जब उक्त घटना की सूचना साथ में खड़े नगर पंचायत के सफाई सुपरवाइजर बबन सिंह को दी, तो बबन सिंह ने तत्काल इसकी सूचना सरायकेला थाने के बालमित्र थाना प्रभारी खुर्शीद आलम को दी. जिसके तत्काल बाद बालमित्र थाना प्रभारी बिरसा मुंडा स्टेडियम के समीप पहुंचकर भटकते बच्चों से मिलते हुए उनका हाल जाना. इसी दौरान रास्ते से गुजरते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष सानंद आचार्य उर्फ टिलू ने मामले की जानकारी ली. और दो दिन से भूखे दोनों बच्चों के लिए तुरंत भोजन की व्यवस्था कराते हुए भोजन करवाया. इसके साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को भी इस विषय में सूचित करते हुए बच्चों के लिए सुरक्षित व्यवस्था किए जाने की मांग की. मौके पर उन्होंने कहा कि दोनों बालकों को नियमानुसार सरकारी संरक्षण देते हुए यदि आवश्यकता हो, तो परिस्थिति का आंकलन कर उनके मामा को सौंपा जाए. इसके साथ ही अपनी संतानों के साथ ऐसा कृत्य करने वाले तथाकथित माता- पिता के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए.
बताया जा रहा है कि दोनों सौतेले भाई एक 11 वर्ष का और दूसरा 5 वर्ष का है. दोनों ने बताया कि आदित्यपुर के बास्कोनगर निवासी उक्त दोनों बालकों के पिता ने तीन शादियां की हैं. जिनमें से 11 वर्षीय बालक अपने पिता के पहली पत्नी की संतान है. जिसकी मां का स्वर्गवास हो चुका है. वह अपनी माता का नाम भी नहीं बता पा रहा. इसी प्रकार 5 वर्षीय बालक भी अपने माता के विषय में सही तरीके से नहीं बता पा रहा. दोनों ने बताया, कि काम कराने के नाम पर माता और साथ में कभी-कभी पिता भी शारीरिक रूप से प्रताड़ित करते हैं. बच्चों ने अपने शरीर पर मारपीट के जख्मों को भी दिखाया. उन्होंने बताया, कि विगत 2 दिनों से उन्होंने कुछ भी नहीं खाया है. इसी प्रताड़ना से तंग आकर साइकिल लेकर घर से मामा के घर गोइलकेरा जाने के लिए भाग निकले हैं. वहीं मौके पर पहुंचे चाइल्डलाइन के विकास दारोगा मामले की जानकारी मिलते ही साथ साथ रहे. इस दौरान दोनों बच्चों को अपनी संरक्षा में लेते हुए बालमित्र थाना प्रभारी ने उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया. जिसके बाद दोनों बच्चों को आगे की कार्रवाई तक के लिए चाइल्डलाइन के संरक्षण में रखा गया है.
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