सरायकेला Report By Pramod Singh उड़िया भाषा- भाषी समुदाय द्वारा रविवार को सरायकेला परिसदन में बैठक आयोजित की गई. बैठक की अध्यक्षता पितवास प्रधान ने की. बैठक में कोल्हान प्रमंडल के तीनो जिले के उड़िया भाषी लोग शामिल हुए.
बैठक में उड़िया भाषियों को संगठित करने तथा भाषा के प्रचार- प्रसार को लेकर कार्ययोजना तैयार किया गया.
बैठक में उपस्थित भाजपा नेता सह झारखंड अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक षड़ंगी ने शिक्षा और उड़िया भाषा के संरक्षण पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उड़िया भाषा के स्कूल योजनाबद्ध तरीके से बंद किए जा रहे हैं. शिक्षकों की नियुक्ति में लापरवाही बरती जा रही है. बच्चों को पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं. उन्होंने इस स्थिति को सुधारने के लिए समाज के लोगों से संघर्ष और आंदोलन चलाने का आह्वान किया, साथ ही उड़िया भाषा को बचाने और प्रचार- प्रसार के लिए शिक्षा को मजबूत करने पर जोर दिया.
बैठक में झारखंड ओड़िया विकास समिति के गठन पर चर्चा किया गया जिसके बैनर तले सभी उड़िया भाषी एकजुट होंगे. कोल्हान स्तर पर एक बड़े कार्यक्रम के आयोजन का निर्णय लिया गया. जिसमें तीनों जिलों के उड़िया भाषी भाग लेंगे और उड़िया भाषा के संरक्षण के लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार की जाएगी. बैठक में पितवास प्रधान, सरोज महापात्र, निर्मल आचार्य, संजय मोहंती, जलीश कवि, राजा सिंह देव, रवि सतपति, सुशील कुमार षाड़ंगी, भोला मोहंती, अभिषेक आचार्य, नंदू पांडे, अजय प्रधान, बाबू मिश्रा, कुनाल रथ, सपन मंडल, बिपलब पाणी एवं रिलु पाणी ने भी अपने विचार को साझा किया.बैठक में मौजूद सभी लोगों ने उड़िया भाषा के संरक्षण के लिए मिलकर काम करने का संकल्प लिया. इसे एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिसके तहत भाषा से जुड़े मुद्दों को हल करने और इसे समाज के हर वर्ग तक पहुंचाने के लिए जनजागरूकता अभियान चलाया जाएगा.बैठक ने उड़िया भाषा के उत्थान के लिए एक नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की है.