सरायकेला: सरायकेला में खरकई नदी के तट पर स्थित मां झुमकेश्वरी पूजा स्थल पर आखान के दिन शनिवार को कोल्हान प्रमंडल के मुखी समाज का मिलन समारोह सह वनभोज का आयोजन किया गया. इस मौके पर मुखी समाज के लोगों ने पारंपरिक रीति- रिवाज के अनुसार मां झूमकेश्वरी की पूजा-अर्चना की और वनभोज का आयोजन किया.
जानकारी हो कि सरायकेला में खरकई नदी के तट पर स्थित मां झुमकेश्वरी पूजा स्थल पर लोगों का आस्था एवं विश्वास है और सुख, शांति व स्मृद्धि के लिए यहां आकर लोग झुमकेश्वरी देवी की पूजा- अर्चना करते हैं. शुभ कार्य का आयोजन एवं शुभारंभ के पहले झूकेश्वरी माता की पूजा- अर्चना करने की परंपरा यहां वर्षों से चली आ रही है. मुखी समाज के लोग मकर संक्रांति के बाद पहला माघ को यहां आकर मां झुमकेश्वरी की पूजा-अर्चना कर मिलन समारोह आयोजित कर पिकनिक मनाते हैं. प्रतिवर्ष की भांति पहला शनिवार को ओड़िशा के राउरकेला समेत कोल्हान प्रमंडल के पूर्वी सिंहभूम, पश्चिमी सिंहभूम व सरायकेला- खरसावां जिले के विभिन्न क्षेत्र से आकर हजारों की संख्या में मुखी समाज के लोगों ने पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार मां झुमकेश्वरी की पूजा-अर्चना की. माता की पूजा में मुर्गे की पूजा की गई और समाज के लोगों ने खरकई नदी के तट पर सपरिवार पिकनिक बनाया. समाज के लोगों ने एक दूसरे को नव वर्ष की बधाई देते हुए सुख- शांति व खुशहाली जीवन की शुभ कामना दी. झुमकेश्वरी पूजा स्थल एवं खरकई के चटानों पर मुखी समाज के लोगों की काफी भीड़ रही.