सरायकेला (Pramod Singh) चांडिल अनुमंडल पदाधिकारी रंजीत लोहरा ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर मंगलवार को कपाली के डोबो गांव में जमीन विवाद में अंचलाधिकारी द्वारा एक ग्रामीण को गला दबाने के वीडियो को एडिटेड और साजिश करार दिया है.
पहले आप उस video को गौर से देखें और ये तय करें कि क्या वाकई में वायरल video एडिटेड हैं !
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प्रेस कांफ्रेंस के लिए एसडीओ को सामने क्यों आना पड़ा !
दरअसल जिस जमीन को लेकर विगत 8- 9 महीनों से ग्रामीण और खाता नम्बर 99 की मालकिन सबिता महतो के बीच खींचतान चल रहा है, उसकी सत्यता बताने और अपने अधिकारी (सीओ) प्रणव कुमार अम्बष्ठ द्वारा किए गए कृत्य पर पर्दा डालने और सोशल मीडिया को धमकी देने के उद्देश्य से एसडीएम रंजीत लोहरा को प्रेस कांफ्रेंस करनी पड़ी.
सुनें क्या कहा चांडिल एसडीएम रंजीत लोहरा ने
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रंजीत लोहरा (एसडीएम- चांडिल)
सुना आपने एसडीओ साहब
का कहना है कि जो वीडियो
वायरल हो रहा है वह एक सोची समझी साजिश के तहत असामाजिक तत्वों द्वारा किया किया गया है. वीडियो वायरल करने वाले लोगों को चिन्हित कर लिया गया है. जल्द ही उन लोगों पर कार्रवाई होगी. उन्होंने बताया कि खाता नंबर 99 रैयतदार सविता महतो पिता मानिक चंद्र महतो के नाम पर है. उनको दखल दिलाने का काम प्रशासन कर रही थी. मजिस्ट्रेट के रूप में अंचलाधिकारी प्रणव अंबास्ट उपस्थित थे. मैं भी वहां स्वयं उपस्थित था. उसी दरमियान बलराम महतो नामक एक व्यक्ति शराब पीकर प्रशासनिक पदाधिकारियों के साथ दुर्व्यवहारकरने का प्रयास किया. जिसको लेकर वहां धक्का-मुक्की हुई. जिसे असामाजिक तत्वों द्वारा गलत ढंग से प्रस्तुत किया जा रहा है. उन्होंने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा है कि वह सुधर जाएं वरना अंजाम भुगतने को तैयार रहें.
वहीं खुद पर लगे आरोपों पर बलराम महतो ने क्या कहा ये भी सुनें, जाने कौन है बलराम महतो
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बलराम महतो
एसडीएम से हमारा सवाल
आपकी भड़ास सोशल मीडिया पर क्यों ? क्या मेन स्ट्रीम मीडिया में आपके अधिकारी का गुणगान हो रहा है ?
देखें 21 जुले 2022 का दैनिक भास्कर जमशेदपुर संस्करण का फ्रंट पेज
आज आप प्रेस कांफ्रेंस कर जिस खाता नम्बर 99 को सविता महतो पिता माणिक चंद्र महतो का बता रहे हैं यही काम यदि आप पहले कर दिए होते तो क्या ऐसी नौबत आतीं ?
जब आपके अधिकारी (सीओ) खुद सक्षम थे सविता महतो को कब्जा दिलाने में तो इतना लाव- लश्कर तामझाम क्यों ? आप जनता के सेवक हैं, या सविता महतो के पक्षधर ? आपको तय करनी चाहिए.
एक सविता महतो के लिए आपको इतनी बेचैनी क्यों, जबकि सैकड़ों जमीन संबंधित मामले अंचल कार्यालय में वर्षों से धूल फांक रहे हैं. उनके लिए आपके अंचल अधिकारी क्यों उग्र नहीं हुए ?
सत्ता आती जाती रहती है मगर बतौर अधिकारी आपके किसी खास व्यक्ति विशेष के लिए प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह साबित करना, कि आप सही है और बाकी गलत. सीधे- सीधे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है. कानून के दरवाजे सभी के लिए समान रूप से खुले हैं. प्रेस कॉन्फ्रेंस कर धमकी देकर आप इन सवालों से नहीं बच सकते.
क्या कोर्ट के आदेशों का पालन हुआ ?
इस पूरे प्रकरण में कहीं ना कहीं कोर्ट के आदेशों की भी धज्जियां उड़ाई गई है, जिससे यह स्पष्ट होता है, कि व्यक्ति विशेष को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से न केवल अंचलाधिकारी द्वारा कानून को हाथ में लिया गया, बल्कि एक आम व्यक्ति को अपराधी करार देने में पूरा महकमा जुट गया.
देखें कोर्ट के आदेश की प्रति
जरा इनकी भी सुने ये हैं सर्वेश्वर सिंह सरदार, ये ख़ातियानी रैयत गुरुचन भूमिज के वंशज हैं. ये आदिवासी हैं या कुछ और इनके अनुसार मामला कोर्ट में लंबित है फिर भी कार्रवाई की गई है. सुनें
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