चांडिल: अनुमंडल क्षेत्र में इन दिनों फिर से अवैध लॉटरी का कारोबार शुरू हो चुका है. लॉटरी कारोबार के सरगना सक्रिय हो चुके हैं और जमकर अवैध लॉटरी की बिक्री कर रहे हैं. डीआर लॉटरी के नाम से नकली बुक छपवाकर चांडिल, नीमडीह, चौका, तिरूलडीह, ईचागढ़ आदि थाना क्षेत्र के विभिन्न स्थानों में बिक्री की जा रही हैं. बताया जा रहा है कि प्रतिदिन तकरीबन एक- एक कारोबारी 50- 60 हजार रुपये के नकली लॉटरी बिक्री कर रहे हैं. इस गोरखधंधे में लिप्त सभी कारोबारी चांडिल के ही रहने वाले हैं, जिनमें राजनीतिक दलों के पदाधिकारी भी शामिल हैं. बताया जाता है कि इस गोरखधंधे में एक राष्ट्रीय दल के प्रदेश स्तरीय नेता भी शामिल हैं.
बताया जा रहा है कि इस कारोबार को सुचारू रूप से संचालन के लिए प्रत्येक कारोबारी द्वारा अधिकारियों को चढ़ावा भेंट किया जाता है. प्रत्येक कारोबारी प्रतिमाह अच्छा- खासा चढ़ावा भेंट करते हैं, तभी सुरक्षित एवं सुचारू रूप से अवैध लॉटरी कारोबार का संचालन कर रहे हैं. इसकी सत्यता इसी बात से पता चलता है कि अवैध लॉटरी कारोबार के विरुद्ध किसी तरह की कार्रवाई नहीं हो रही हैं. कार्रवाई नहीं होने पर अधिकारियों के कार्यशैली पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं.
बर्बाद हो रहे परिवार, कारोबारी मालामाल
चांडिल अनुमंडल क्षेत्र में अवैध लॉटरी के कारोबार के आगोश में प्रतिमाह हजारों परिवार बर्बाद हो रहे हैं. जबकि, इस गोरखधंधे में संलिप्त लोग मालामाल हो रहे हैं. बताया जा रहा है कि इस लॉटरी को खरीदने वालों की तादाद बड़ी संख्या में है, जो अपनी गाढ़ी कमाई को लुटा रहे हैं. ग्राहक लॉटरी का ईनाम जीतने की उम्मीद से प्रतिदिन 500 रुपये तक खर्च कर रहे हैं. वहीं, प्रत्येक कारोबारी प्रतिमाह पांच से सात लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं. क्या ऐसे अवैध कारोबार के विरुद्ध कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ? आखिर मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के गृह जिले में इस तरह के अवैध कारोबार के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने के पीछे क्या कारण हो सकता है यह बड़ा सवाल है.