गया: बिहार के गया जिले का गुरारू प्रखंड क्षेत्र नक्सल प्रभावित इलाका माना जाता है। कभी इस इलाके में नक्सलियों की तूती बोलती थी। चुनाव के दौरान माओवादी नक्सलियों द्वारा वोट बहिष्कार का नारा दिया जाता था।
जिसके कारण लोग डर से मतदान करने नही जाते थे। परंतु अब तस्वीर बदल चुकी है। इस इलाके में पंचायत चुनाव को लेकर गजब का उत्साह है। ऐसा ही नजारा यहां के शंकरबिगहा गांव में देखने को मिल रहा है। मतदान केंद्र तक जाने में एक बरसाती नदी बाधा बन रही थी। ग्रामीणों को मतदान करने के लिए पानी में उतर कर जाना पड़ता। गांव के बृद्ध और महिला मतदाताओं को बूथ तक पहुंचना नामुमकिन था। ग्रामीणों के द्वारा सरकार और स्थानीय पदाधिकारियों को कई बार आवेदन दिया गया। लेकिन कोई सकारात्मक प्रयास होते नही दिख रहा था। तब ग्रामीणों ने खुद से ही कुछ करने को ठानी।
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स्थानीय गांव निवासी शंभू कुमार सिंह ने कहा कि पंचायत चुनाव को लेकर वोट तो डालना ही था, ऐसे में सभी ग्रामीणों ने मिलकर एक बैठक की और यह निर्णय लिया कि आपसी सहयोग से पुल बनाएंगे।
गांव के युवकों के बीच विमर्श हुआ और लोग लग गए पुल बनाने में। कड़ी मेहनत कर चचरी पुल बन कर तैयार है। अब यहां के लोग बिना परेशानी के मतदान केंद्र तक पहुच कर वोट डाल सकेंगे।
शंभु कुमार सिंह (ग्रामीण)
वही शंकर बिगहा गांव निवासी टिंकू सिंह ने बताया कि जब-जब नदी में पानी आता है, तब उस पर जाने के लिए पानी के बीच से ही होकर गुजारना पड़ता है। पल बनाने को लेकर स्थानीय विधायक, सांसद से लेकर जिला प्रशासन तक गुहार लगाई गई। लेकिन सिर्फ आश्वासन मिला। ऐसे में गांव के युवाओं के साथ मिलकर हम लोगों ने आपसी सहयोग से फूल बनाने का निर्णय लिया और अब यह फूल बनकर तैयार है। 29 सितम्बर को हमारे यहां पंचायत चुनाव है। अब गांव की महिलाएं और वृद्ध इस पुल को पार कर बूथ पर जाकर मतदान कर सकेंगे।
टिंकू सिंह (स्थानीय ग्रामीण)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट