गया: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इन दिनों चर्चा में है. उनके द्वारा ब्राह्मण समाज के पर की गई टिप्पणी को लेकर पूरे प्रदेश में बवाल मचा हुआ है. एक तरफ ब्राह्मण समाज लगातार उनका विरोध कर रहा है, वही मांझी भी रह- रहकर पैंतरा बदल रहे हैं. आज गया शहर के गोदावरी मोहल्ला स्थित अपने आवास पहुंचे जीतन राम मांझी ने नया पैंतरा आजमाया.
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उन्होंने कहा कि एक बार नहीं हजार बार कहूंगा हरामी. हरामी शब्द कोई गलत चीज नहीं है. उन्होंने कहा कि हमने पंडित या ब्राह्मण समाज पर कोई टिप्पणी नहीं की थी, बल्कि वैसे लोगों के लिए हरामी शब्द इस्तेमाल किया है, जो गलत ढंग से पूजा-पाठ कराने आते हैं. जिनको श्लोक और किताब से कोई मतलब नहीं है. केवल अखबार लेकर पूजा कराते हैं, वैसे लोग अपने आप को पुजारी कहते हैं. हमने पुजारी के लिए हरामी शब्द इस्तेमाल किया था. ये ऐसे लोग होते हैं, जो मांस खाते हैं, मदिरा पीते हैं, और पूजा भी कराने आते है. ये अनुसूचित और दलित टोले में जाकर पूजा के नाम पर पैसे लेते हैं, लेकिन उस घर का खाना तक नहीं खाते और ना ही पानी पीते हैं. उन्होंने कहा कि पूजा कराने वाले भूमिहार सहित अन्य समाज के लोग भी हैं, जो अपने आप को पुजारी कहते हैं. वे सिर्फ पैसों के लिए यह सब कार्य करते हैं, हमने ब्राह्मणों और पंडितों के लिए यह शब्द इस्तेमाल नहीं किया था. उन्हें बुरा लगा तो मैंने माफी भी मांग ली है.
मांझी ने कहा, कि आज विष्णुपद का पंडा समाज भी हमारा विरोध कर रहा है, लेकिन ये लोग याद करें, जब हम बिहार के मुख्यमंत्री थे, तब हमने विष्णुपद को राजकीय सम्मान दिलवाया. जिसकी वजह से पितृपक्ष मेला आज व्यापक रूप से होता है. इसके अलावा भी कई उपलब्धियां दी. हमने विष्णुपद का मान बढ़ाया है. एक बार लोगों को यह भी सोचना चाहिए
जीतन राम मांझी ₹पूर्व मुख्यमंत्री- बिहार)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट