औरंगाबाद/ Dinanath Mouar जिला विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वावधान में शनिवार को व्यवहार न्यायालय एवं अनुमण्डलीय न्यायालय, दाउदनगर में किया गया. इस राष्ट्रीय लोक अदालत का मुख्य कार्यक्रम जिला विधिक सेवा प्राधिकार, औरंगाबाद के सभागार में जिला एवं सत्र न्यायाधीश तथा प्राधिकार के अध्यक्ष सम्पूर्णानन्द तिवारी, जिला पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्रीकान्त शास्त्री, प्रभारी पुलिस अधीक्षक नव वैभव, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश तृतीय प्रणव शंकर, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव, सुकुल राम , जिला विधि संघ के अध्यक्ष रसिक बिहारी सिंह, अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष संजय कुमार सिंह द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया गया.
इस उद्घाटन समारोह में काफी संख्या में न्यायिक पदाधिकारीगण, अधिवक्तागण बैंक, बीमा के पदाधिकारीगण अन्य विभागों के पदाधिकारीगण तथा बहुत संख्या में वादकारीगण उपस्थित रहे. कार्यक्रम का संचालन श्रीमती निधि जयसवाल न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी द्वारा किया गया. कार्यक्रम में आगंतुको का स्वागत अभिभाषण जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव सुकुल राम द्वारा किया गया तथा राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि जितने भी वादकारीगण यहां आये हैं आप सभी के सहयोग से ही राष्ट्रीय लोक अदालत एक मुकम्मल स्थान को पायेगा. उन्होंने इस अवसर पर राष्ट्रीय लोक अदालत के हर गतिविधि को जन- जन तक पहुचाने में मीडिया की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आपके माध्यम से आज भी लोग राष्ट्रीय लोक अदालत में उपस्थित होते हैं तो उन्हें इसका उचित लाभ प्राप्त होगा. राष्ट्रीय लोक अदालत के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा गया कि अगर किसी का वाद राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से निस्तारित होता है तो इसका लाभ सिर्फ वादकारीगण को ही नहीं होता है बल्कि जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन सहित न्यायालय पर भी मुकादमों का बोझ कम होता है. जिला पदाधिकारी सह उपाध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकार श्रीकान्त शास्त्री द्वारा अपने संबोधन में कहा गया कि लोक अदालत कई तरह के विधि- व्यवस्था को कायम रखने में सहायक होता है. साथ ही जिनका वाद समाप्त होता है दोनों पक्षों के बीच पूर्व से उत्पन्न तनाव खत्म हो जाता है. जिससे समाज में प्रेम- सद्भावना और समाजिक समरसता होती है. आज राष्ट्रीय लोक अदालत में 1013 वादों के निष्पादन के साथ कुल 2.35 करोड़ का समझौता कराया गया. राष्ट्रीय लोक अदालत में आज मोटर दुर्घटना से सम्बन्धित 04 वादों में कुल 26 लाख 25 हजार रूपये का समझौता कराया गया. पारिवारिक मामलें से सम्बन्धित 04 वाद, आपराधिक सुलहनीय मामलें से सम्बन्धित 235 वाद, एनआई एक्ट के 02, मामलों में 02 लाख 65 हजार का समझौता, टेलीफ़ोन के 11 मामलों में 21 हजार, माप तौल 02 इसके साथ साथ अनुमंडल पदाधिकारी के न्यायालय से सबन्धित 300 वाद तथा बैंक ऋण से सम्बन्धित 455 मामलें का निस्तारण करते हुए 02 करोड़ रूपये पक्षकारो को राहत दिया गया. इस तरह कुल मामलों का निस्तारण करते हुए कुल 2 करोड़ 35 लाख रूपये का समझौता कराया गया.