औरंगाबाद / Dinanath Mouar, सिविल सर्जन डॉ रवि भूषण श्रीवास्तव ने बुधवार को स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक की. बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन एवं राष्ट्रीय कार्यक्रमों के अंतर्गत क्रियान्वित विभिन्न गतिविधियों की समीक्षा जिला स्तरीय पदाधिकारियों द्वारा प्रस्तुत प्रगति प्रतिवेदन के आधार पर की गई. सभी जिला स्तरीय स्वास्थ्य पदाधिकारी, प्रखंड स्तरीय प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक एवं सभी डेवलपमेंट पार्टनर के प्रतिनिधि की उपस्थिति में बारी-बारी से कार्यक्रमों की समीक्षा की गई तथा खराब प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के उपाधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिए गए. उक्त आशय की जानकारी जिला कार्यक्रम प्रबंधक मो अनवर आलम ने दी.
डीपीएम द्वारा बताया गया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने की दिशा में लगातार प्रयास किया जा रहा है. अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं स्वास्थ्य उप केंद्रों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित करने का काम तेजी से चल रहा है. अब तक लगभग दो सौ संस्थानों को हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है. जिले में उनहत्तर सीएचओ की स्थापना की गई है साथ ही साथ उन्नीस नर्सिंग स्टाफ को प्रशिक्षण देकर हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर प्रतिनियुक्त किया गया है. जिले द्वारा एक पहल कर यह सुनिश्चित कराने की कोशिश की जा रही है कि सभी हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर नियमित रूप से खुलें. सभी प्रखंडों में एक एक अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर डिलीवरी के व्यवस्था कराई गई है जहहां प्रसव की संख्या बढाने के लिए लगातार प्रयास किये जा रहे हैं.
उन्होंने बताया कि टेलीमेडिसिन को बढ़ावा दिया जा रहा है. संस्थानों के गुणवत्ता विकास एवं प्रमाणीकरण की दिशा में भी लगातार कार्य किए जा रहे हैं. टीबी के मरीजों को उचित खुराक एवं पोषण देने के उद्देश्य से सरकार के द्वारा निक्षय पोषण योजना चलाई गई है. योजना के तहत मरीजों को उचित पोषण के लिए पांच सौ रुपये प्रत्येक महीने दिए जाते हैं. यह राशि लाभार्थी के खाते में सीधे पहुंचती है.साथ ही एमडीआर टीबी के लिए दवा जिले में उपलब्ध है. नीति आयोग की रैंकिंग के अनुसार जिले का प्रदर्शन सराहनीय पाया गया है. देशभर में प्रतिमाह जारी होने वाले रैंकिंग मैं जिले को 15वा स्थान प्राप्त हुआ है.
इस क्रम में यह भी बताया गया कि सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि संस्थानों में मौसमी बीमारियों के नियंत्रण के लिए आवश्यक व्यवस्था किया जाए. आई फ्लू, डायरिया, मस्तिष्क बुखार, डेंगू इत्यादि की जांच नैदानिक चिकित्सा सुविधा के साथ-साथ रेफरल की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए. मौसमी बिमारियों से बचाव के लिए जिला एवं प्रखंड स्तर पर रैपिड रिस्पांस टीम का गठन क्या गया है जिसका प्रभावी क्रियान्वयन किया जाए. सरकारी दिशा निर्देश का अनुपालन नहीं करने वाले तथा लंबे समय से सामुदायिक उत्प्रेरण का कार्य नहीं करने वाले आशा कर्मियों को चिन्हित किया जाए तथा कारण बताओ नोटिस जारी किया जाय.
सिविल सर्जन द्वारा उपाधीक्षक सदर अस्पताल औरंगाबाद को यह निर्देश दिया गया कि अस्पताल में चिकित्सकों की उपलब्धता हर समय बनी रहे इसलिए रोस्टर का औचित्य पर निर्धारण करें. इमरजेंसी, एसएनसीयू, चाइल्ड वार्ड एवं आईसीयू में चिकित्सक की उपस्थिति अति आवश्यक है. सदर अस्पताल में ऑपरेशन नहीं होने स्थिति को लेकर चिंता व्यक्त की गई है तथा आवश्यक सुधार करने का निर्देश दिया गया.
बैठक में अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ किशोर कुमार, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ मिथिलेश प्रसाद सिंह, जिला संचारी रोग पदाधिकारी डॉ रवि रंजन, सदर अस्पताल एवं अनुमंडलीय अस्पताल दाउदनगर के उपाधीक्षक एवं अस्पताल प्रबंधक, सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य प्रबंधक, डेवलपमेंट पार्टनर पिरामल हेल्थ के प्रतिनिधि रितेश कुमार, विश्व स्वास्थ्य संगठन के सर्विलेंस मेडिकल ऑफिसर डॉ कुणाल, एसएमसी यूनिसेफ कामरान खान, यूएनडीपी के प्रतिनिधि अर्शी खान, पिरामल स्वास्थ्य के प्रतिनिधि अरुण कुमार, जिला लेखा प्रबंधक मो. अफरोज हैदर, जिला एपिडेमोलॉजिस्ट उपेंद्र कुमार चौबे, डीसीएम आनंद प्रकाश, डीपीसी नागेंद्र कुमार केसरी, जिला मूल्यांकन एवं अनुसंधान पदाधिकारी अविनाश कुमार सहित अन्य अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे.