सरायकेला (Pramod Singh) हर साल शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को रक्षाबंधन का त्योहार मनाया जाता है. भाई बहन के प्रेम का पावन पर्व रक्षाबंधन पर बहन भाई की कलाई में रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र की प्रार्थना करती हैं.
यह त्यौहार भाई- बहन के अटूट प्रेम का प्रतीक माना जाता है. लेकिन इस बार इसको लेकर लोगों के मन एक दुविधा है, जिसे दूर कर लेना अच्छा होगा. दरअसल इस बार पूर्णिमा तिथि दो दिन पड़ रही है 11 और 12 अगस्त को. जिसके कारण लोग समझ नहीं पा रहे हैं, राखी आखिर किस दिन बांधी जाएगी.
पंचांग के मुताबिक सावन माह की शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 11 अगस्त को सुबह 10 बजकर 38 मिनट पर शुरू होकर अगले दिन 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त हो रही है. इस लिहाज से 12 अगस्त को उदया तिथि होने के बाद भी रक्षा बंधन 11 को ही मनाया जाएगा. क्योंकि पूर्णिमा तिथि 11 को पूरा दिन है.
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 11 अगस्त, सुबह 10 बजकर 38 मिनट से
पूर्णिमा तिथि की समाप्ति- 12 अगस्त. सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर
शुभ मुहूर्त- 11 अगस्त को सुबह 9 बजकर 28 मिनट से रात 9 बजकर 14 मिनट
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 6 मिनट से 12 बजकर 57 मिनट तक
अमृत काल- शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 20 मिनट तक
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 29 मिनट से 5 बजकर 17 मिनट तक
रक्षा बंधन भद्रा काल
रक्षा बंधन के दिन भद्रा काल की समाप्ति- रात 08 बजकर 51 मिनट पर
रक्षा बंधन के दिन भद्रा पूंछ- 11 अगस्त को शाम 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
रक्षा बंधन भद्रा मुख – शाम 06 बजकर 18 मिनट से लेकर रात 8 बजे तक
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