Adityapur: राष्ट्रीय जनता दल भले झारखंड सरकार की सहयोगी दल है लेकिन राजद का सरकारी पदाधिकारियों पर कितना नियंत्रण है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते 27 जुलाई को राष्ट्रीय जनता दल के प्रदेश अध्यक्ष अभय सिंह ने सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना प्रभारी, एसडीपीओ, एचपी एवं उपायुक्त को पत्र लिखकर पिछले कई सालों से पार्टी के प्रदेश महासचिव का बोर्ड लगाकर और पार्टी के लेटर हेड पर अपना पद प्रदेश महासचिव लिखकर दुरुपयोग किए जाने से संबंधित शिकायत मामले पर स्पष्टीकरण जारी करते हुए अर्जुन यादव पर एफआईआर दर्ज करने का आवेदन दिया था, लेकिन एक पखवाड़ा बीत जाने के बाद भी अब तक अर्जुन यादव पर एफआईआर तो दूर उन्हें पूछताछ के लिए भी थाना तलब नहीं किया गया है.
अब सवाल ये उठता है, कि आखिर आदित्यपुर थाना पुलिस पत्रकार के खिलाफ खबर छापने पर उसे संवेदनशील मानते हुए 107 लगनेवाले इतने बड़े फर्जीवाड़े की शिकायत पर चुप क्यों है ? आदित्यपुर थाना प्रभारी अपने नए- नए करतूतों के लिए हमेशा सुर्खियों में रहते हैं. हाल ही में उनके खिलाफ एसटी, एसी, ओबीसी, अल्पसंख्यक समन्वय समिति की ओर से जिले के एसपी से शिकायत दर्ज कराई गई है. जिसमें समिति द्वारा थाना प्रभारी को बदलने की मांग उठायी गयी है. अपने मांग पत्र में समिति ने थाना प्रभारी पर रसूखदारों की पैरवी सुतने और मजलूमों के साथ बदसलूकी का आरोप लगाया है. राजद प्रदेश अध्यक्ष ने अपने आवेदन में अर्जुन यादव को पार्टी से आठ माह पूर्व निष्कासित किए जाने का जिक्र करते हुए एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया है. वैसे अर्जुन यादव अभी भी अपनी गाड़ी में पार्टी के महासचिव का बोर्ड लगाकर घूमते देखे जा सकते हैं. इतना ही नहीं सरकारी दफ्तरों में भी बड़े शान से पार्टी के लेटर हेड का प्रयोग कर रहे हैं. बहरहाल इस मामले की जानकारी जिले के सभी वरीय अधिकारियों को दी गई है मगर कार्रवाई किसी ओर से नहीं हुई है. न ही जांच ही किया गया है. इससे साफ प्रतीत होता है कि राजद का सरकार के मुलाजिमों पर कोई पकड़ नहीं रह गया है. वैसे जब सरकारी अधिकारी प्रदेश अध्यक्ष के आवेदन को ठंडे बस्ते में डाल रहे हैं, तो आम कार्यकर्ता की क्या गत हो रही होगी ये समझने की जरूरत है.
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