सरकार ने विद्यालय में बच्चों को शारीरिक रूप से दंडित नहीं करने का प्रावधान किया है, लेकिन पश्चिमी सिंहभूम जिला में तो एक शिक्षक ने आठवीं कक्षा के छात्र को कनपटी में ऐसा थप्पड़ मारा, कि बालक ढाई महीने से बेड पर पड़ा है,और अब उसकी ऑपरेशन करने की नौबत आ गई है.
जी हां, पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत चक्रधरपुर प्रखंड स्थित जलवे देवी सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, सिलफोड़ी में यह ह्रदय विदारक घटना हुई है. घटना के बाद से कक्षा आठवीं के 14 वर्षीय बालक रंजन महतो की स्थिति लगातार बिगड़ती चली जा रही है. आयुष्मान योजना से नहीं जुड़े होने के कारण बालक को सरकार की इस योजना का लाभ भी नहीं मिल पा रहा है. आर्थिक रूप से अक्षम परिवार बच्चे के इलाज और ऑपरेशन के लिए विद्यालय प्रबंधन से गुहार लगा रहा है. परंतु एक दफा आर्थिक सहयोग के बाद प्रबंधन ने हाथ खड़े कर दिए. जिसके बाद पीड़ित बालक के अभिभावक और ग्रामीण शनिवार को विद्यालय पहुंचे और प्रधानाध्यापक रमेश चंद्र महतो से मुआवाजा और आर्थिक सहयोग की मांग की. जिसे लेकर अभिभावकों और प्रधानाध्यापक के बीच काफी बहस हुई. अंततः प्रधानाध्यापक ने बच्चे के उपचार और ऑपरेशन के लिए सहयोग देने की बात कही. इस दौरान बालक के पिता अर्जुन महतो, कीर्तन महतो, राकेश महतो, विष्णु महतो, शिबू महतो, उदय सिंह पुरती, शशि महतो, परशुराम महतो, विनोद दिगी आदि ग्रामीण उपस्थित रहे।
3 सितंबर की घटना, आरोपित शिक्षक निष्कासित
यह घटना विगत 3 सितंबर की है. विद्यालय के विज्ञान शिक्षक परमेश्वर महतो ने किसी बात से नाराज होकर कक्षा आठवीं के 14 वर्षीय छात्र रंजन महतो को दाएं कनपट्टी पर जोरदार थप्पड़ जड़ दिया. उसके बाद से बालक की तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई. अभिभावकों ने विद्यालय पहुंचकर काफी मिन्नत की तो बड़ी मुश्किल से 20 सितंबर को शोकाकुल परिवार को 10 हजार रूपए की आर्थिक मदद दी गई. वही विद्यालय में और कुछ शिक्षक पर कार्रवाई करते हुए उसे निष्कासित कर दिया है.
ऑपरेशन में बताया गया चार लाख का खर्चा
हालात बिगड़ने पर बच्चे को इलाज के लिए अभिभावक ओडिशा के राउरकेला ले गए. एक माह तक यहां से बच्चे को दो-तीन दिन में लगातार बुलाया जाता रहा. फिर चिकित्सक ने हाथ खड़े करते हुए बच्चे को भरूवा संबलपुर रेफर करने की बात कही और ऑपरेशन में चार लाख का खर्चा बताया. तब स्वजन निराश होकर घर लौट आए और रिम्स, रांची में बच्चे को दिखाया. डॉक्टरों ने बच्चे को भर्ती कर ऑपरेशन कराने की बात कही. लेकिन ऑपरेशन के लिए पैसे नहीं होने के कारण अभिभावक विद्यालय परिवार से गुहार लगा रहे हैं.
इस संबंध में विद्यालय के प्रधानाध्यापक रमेश चंद्र महतो ने बताया कि विवाद नहीं समस्या का हल निकालने की कोशिश कर रहे हैं हम. अब तक 10 हजार रुपए की आर्थिक मदद दी गई है. बच्चे को मदद के लिए आचार्यों के साथ बैठक करेंगे. अपने उच्चाधिकारियों को सूचना दी है. आरोपी शिक्षक को निष्कासित कर दिया गया है.
वहीं पीड़ित छात्र के पिता अर्जुन महतो ने बताया कि, बच्चे की हालत अच्छी नहीं है. वह कभी भी कोमा में जा सकता है. घटना के बाद से 1 महीने तक आना-जाना कर राउरकेला में बच्चे का इलाज कराया गया. जिसके बाद कहा गया कि इलाज, आपरेशन में चार लाख खर्चा आएगा. अब हम 11 अक्टूबर से रिम्स रांची में बालक का आना-जाना कर उपचार करा रहे हैं. डॉक्टर ने अस्पताल में भर्ती कर ऑपरेशन कराने के लिए 20 हजार रुपए जमा करने को कहा है, लेकिन पैसों की कमी के कारण बच्चे को चाह कर भी भर्ती नहीं कर पा रहे हैं.
इधर प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी विजय कुमार ने बताया कि मामले की अभी तक जानकारी नहीं थी. यह बहुत गंभीर मामला है. विद्यालय जाकर पूरे मामले की जानकारी लूंगा और जरूरत पड़ी तो कार्रवाई करूंगा.