चक्रधरपुर/ बंदगांव प्रखंड के करंजो में जिला विधिक सेवा प्राधिकार की ओर से जागरूकता शिविर का आयोजन हुआ. कार्यक्रम मे बतौर मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय रांची के न्यायाधीश दीपक रौशन, प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ल, प्रधान जिला न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय योगेश्वर मणी के द्वारा सयुंक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया.
कार्यक्रम के दौरान अतिथियों को भेट स्वरूप पौधा देकर सम्मानित किया गया. विधिक सेवा जागरूकता शिविर कार्यक्रम के दौरान प्रधान जिला सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष डालसा विश्वनाथ शुक्ल ने बताया कि डालसा के सहयोग से आप आर्थिक रूप में कमजोर भी है तो आपको न्याय से कोई वंचित नहीं कर सकता है, इसके अलावा आप अगर दिव्यांग है, एससी/ एसटी या महिला है तो आपको डालसा के सहयोग से कोर्ट फीस उपलब्ध कराई जाएगी. बशर्ते आप समय पर इसकी सूचना डालसा व न्यायालय को दे.
वहीं प्रधान जिला न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय योगेश्वर मणी के द्वारा बताया गया कि यह एक पंचवर्षीय योजना है, जो वर्ष 1950- 51 में शुरू किया गया था, लेकिन 4- 5 पंचवर्षीय योजना के बीत जाने के बाद भी केंद्र सरकार एवं माननीय उच्च न्यायालय द्वारा यह देखा गया कि लोग न्यायिक सुविधाओं से वंचित हो रहे हैं. इसको लेकर 1980 में तत्कालीन सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश पीएम भगवती द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया था, जिसका संक्षिप्त नाम सिलास था. जिसे केन्द्रीय समिति को नालसा, राज्य में झालसा व जिला में डालसा के रूप में लोगों को न्याय दिलाने का कर रही हैं.
वहीं मुख्य अतिथि न्यायाधीश उच्च न्यायालय रांची दीपक रौशन ने कहा की लीगल सर्विसेज अथॉरिटी आपकी समस्याओं का समाधान करती है, क्योंकि हर एक चीजों को याद रखना किसी के लिए संभव नहीं है. सिविल कोर्ट में हर समस्या का समाधान होता है. यहां के लोग खुश किस्मत हैं कि आज यहां न्यायपालिका और कार्यपालिका एक साथ मौजूद है और उनका एकमात्र मकसद है, लोगों को लाभ पहुंचाना इसके लिए आपको आगे आकर जानकारी देना होगा. चाहे तो आप घर बैठे पोस्ट कार्ड के माध्यम से जानकारी उपलब्ध करा सकते हैं.