झारखंड की आर्थिक राजधानी जमशेदपुर को खूबसूरती और बेहतर नगरीय सुविधाओं के लिए पूरोत्तर राज्य का मिनी मुंबई के रूप में जाना जाता है, लेकिन जिस जमशेदपुर को लोग मिनी मुम्बई के रूप में जानते हैं उसी जमशेदपुर से झारखंड के राजनीति की बिसात भी लिखी जाती रही है. सत्ता बनाने से सत्ता गिराने तक का गणित इसी शहर से बिठायी जाती रही है. जमशेदपुर से दो- दो मुख्यमंत्री, तीन- तीन मंत्री कभी न कभी राज्य की सत्ता को सुशोभित कर चुके हैं. फिलहाल एक मंत्री झारखंड सरकार में अभी भी हैं, बावजूद इसके जमशेदपुर की खूबसूरती पर ये दाग क्यों ? ये अहम सवाल है. जमशेदपुर पूर्वी विधानसभा क्षेत्र स्थित बिरसानगर राजनीतिक दृष्टिकोण से बेहद अहम इलाका माना जाता है. जमशेदपुर के गैर कंपनी इलाकों में गिने जाने वाले इस क्षेत्र के जोन नम्बर तीन का हाल देखकर आप यही कह सकते हैं कि यहां की जनता के साथ हर बार छल होता रहा है. पिछले मुख्यमंत्री ने यहां के मतदाताओं के दम पर 5 बार विधायक, दो बार मंत्री एक बार डिप्टी सीएम और एकबार मुख्यमंत्री बने, मगर जरा यहां का हाल देख लीजिए. नर्क में तब्दील हो चुका बिरसानगर जोन नंबर 3 का सड़क हर दिन जानलेवा होता जा रहा है. हर दिन इस सड़क से होकर सैकड़ों गाड़ियों का आवागमन होता है लोग जान जोखिम में डालकर इस सड़क का प्रयोग करते हैं, कई बार दुर्घटनाओं का शिकार भी होते हैं, मगर इसकी चिंता न तो यहां के जनप्रतिनिधि को है, न ही स्थानीय प्रशासन को. हां राजनीतिक बयानबाजी में कोई कमी नहीं है. हर मामले में ठगी जाती है. यहां की जनता वैसे इस बार यहां की जनता ने राज्य की सत्ता परिवर्तन में अहम भूमिका निभाई, और पांच बार विधायक रहे पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को सत्ता से बेदखल करने में बड़ी भूमिका निभाई, लेकिन जिन वायदों और आश्वासनों पर यहां की जनता ने सत्ता परिवर्तन कराया वह कहीं ना कहीं अब राजनीतिक जुमला बनकर रह गया है. यही कारण है, कि बिरसानगर के लोग अभी भी पानी, बिजली, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जद्दोजहद करने को विवश है. आप साफ़ देख सकते हैं, जोन नंबर 3 से होकर गुजरने वाले इस सड़क का नजारा. ऐसे में आप समझ सकते हैं, कि यहां की जनता के साथ वाकई में इंसाफ हो रहा है, या नहीं ! वैसे राज्य में सत्ता परिवर्तन होने के बाद यहां के लोगों को लगा था, कि इनके क्षेत्र का विकास होगा, लेकिन विकास दूर-दूर तक फिलहाल नजर नहीं आ रहा. कहने को लोग जमशेदपुर में रहते हैं, लेकिन जमशेदपुर का यह इलाका आज भी अपेक्षित है.
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