महिला पहलवान विनेश फोगाट के लिए राहत की खबर है. भारतीय कुश्ती महासंघ ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई को खत्म करने का फैसला किया है. विनेश फोगाट अब वर्ल्ड चैंपियनशिप में भारतीय टीम में जगह बना सकती हैं. इसके लिए उन्हें ट्रायल्स में शामिल होना होगा. टोक्यो ओलिंपिक खेलों में विनेश को क्वार्टरफाइनल में हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद भारत लौटने पर कुश्ती फेडरेशन ने उन पर लापरवाही और अनुशासनहीनता के आरोप लगाए थे. विनेश को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए सस्पेंड कर दिया गया था. लेकिन अब उनका सस्पेंशन खत्म कर दिया गया है. विनेश के साथ ही दो युवा महिला पहलवानों को भी माफी दी गई है.
ईएसपीएन की खबर के अनुसार, कुश्ती फेडरेशन ने विनेश फोगाट के साथ ही एशियन चैंपियन दिव्या सैन और वर्ल्ड केडैट चैंपियन सोनम मलिक को पत्र भेजा है. इसमें कहा गया है कि कारण बताओ नोटिस पर आप लोगों का जवाब संतोषजनक नहीं है लेकिन फेडरेशन दूसरा मौका देना चाहती है जिससे आप गलतियां ठीक कर सकें. इन तीनों पहलवानों को चेतावनी भी दी गई है कि भविष्य में गड़बड़ी किए जाने पर जीवनभर का बैन लगाया जा सकता है. फेडरेशन की तरफ से कहा गया, भा’रतीय कुश्ती महासंघ आपको चेतावनी के साथ माफ करता है. हालांकि यदि दोबारा गलती हुई तो फेडरेशन को आजीवन प्रतिबंध का कदम उठाना पड़ेगा.’
कुश्ती फेडरेशन के सचिव विनोद तोमर ने ईएसपीएन से कहा, ‘अब अनुशासन कमिटी ने उन्हें मंजूरी दे दी है ने वर्ल्ड चैंपियनशिप के लिए सेलेक्शन ट्रायल में हिस्सा ले सकती हैं. विनेश सीनियर पहलवान हैं और दिव्या व सोनम दोनों युवा हैं इसलिए उन्हें दूसरा मौका देने का फैसला किया गया.’ विनेश पर लगे थे ये आरोप कुश्ती फेडरेशन की ओर से विनेश पर ओलिंपिक खेलों के बाद आरोप लगाए गए थे कि वह इन खेलों के दौरान बाकी भारतीय खिलाड़ियों से अलग रहीं और अलग ही ट्रेनिंग की. साथ ही अपने मुकाबलों के दौरान आधिकारिक यूनिफॉर्म के बजाए दूसरी यूनिफॉर्म पहनी. वहीं दिव्या सैन पर आरोप थे कि उनके पिता ने एक वीडियो में फेडरेशन की आलोचना की थी. सोनम मलिक के मामले में आरोप था कि उन्होंने टोक्यो जाने के लिए अपना पासपोर्ट कुश्ती फेडरेशन के ऑफिस से लेने के बजाए इसे स्पोर्ट्स अथॉरिटी भेजने को कहा.
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