गया (Pradeep Kumar Singh) मशरूम उत्पादन के क्षेत्र में बिहार के गया जिले में एक नई पहल की शुरुआत हुई गई है. वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट के तहत इस योजना को अमलीजामा पहनाया जा रहा है.
गया शहर के चंदौती प्रखंड कार्यालय के समीप स्थित बाजार समिति के प्रांगण में दो दिवसीय कृषि यांत्रिक मेला का शुभारंभ बिहार सरकार के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत के द्वारा किया गया. इस दौरान किसानों को सरकार द्वारा सब्सिडी उपलब्ध कराते हुए कई कृषि यंत्र को उपलब्ध कराया गया. इस दौरान विभिन्न शिविर के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों से संबंधित विभिन्न योजनाओं की जानकारी दी गई, लेकिन सबसे बड़ी पहल मशरूम को लेकर देखने को मिली. जहां मशरूम के उत्पादन के बारे में शिविर के माध्यम से लोगों को जानकारी दी जा रही थी. मशरूम के क्षेत्र में नई पहल करते हुए अब एयर कंडीशन ठेला के माध्यम से शहर वासियों को मशरूम उपलब्ध कराने की प्रक्रिया आज से शुरू हो गई.
जिस तरह से आइसक्रीम के ठेले में लोगों को आइसक्रीम उपलब्ध कराई जाती है, उसी तरह से मशरूम को एयर कंडीशन ठेलों से उपलब्ध कराने का कार्य शुरू हुआ. जिसे कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने हरी झंडी दिखाई.
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इस संबंध में मशरूम की बड़े पैमाने पर खेती करने वाले महात्मा बुद्धा एग्रो क्लिनिक के प्रोपराइटर राजेश सिंह ने बताया कि हमारे द्वारा गया जिला में बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती शुरू की गई है. इसमें लगभग 5 सौ महिलाओं को जोड़ा गया है, जो विभिन्न प्रखंडों से आती हैं. महिलाओं द्वारा बड़े पैमाने पर मशरूम की खेती की जा रही है. लेकिन मशरूम की बिक्री के लिए मार्केटिंग की आवश्यकता थी. इसलिए हमने आत्मा के साथ मिलकर मार्केटिंग करने का निर्णय लिया है. इसके लिए एयर कंडीशन ठेला के माध्यम से मशरूम को आम लोगों तक पहुंचाने की कवायद आज से शुरू हुई है. एक एयरकंडीशन ठेले का कॉस्ट लगभग 25 हजार रुपये आ रहा है. जिसमें 20 से 25 किलो मशरूम लगभग 12 घंटे तक पूरी तरह से सुरक्षित रहता है, जो लोग इस ठेला के माध्यम से मशरूम की बिक्री करेंगे, उन्हें प्रतिदिन लगभग 600 से 700 रुपये की आमदनी होगी. जो लोग ठेला चलाएंगे उन्हें मशरूम मित्र और जो महिलाएं मशरूम के बारे में लोगों को जानकारी दे रही हैं उन्हें मशरूम सखी की उपाधि दी है. अब जिले में मशरूम मित्र और मशरूम सखी मिलकर मशरूम के फायदे एवं उसकी बिक्री व उत्पादन के बारे में लोगों को बताएंगे. आम जनता तक ताजा और प्रोटीन से भरा मशरूम लोगों तक पहुंचे, यही हमारा उद्देश्य है.
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राजेश सिंह (प्रोपराइटर- महात्मा बुद्धा एग्रो क्लिनिक)
वही मशरूम का उत्पादन करने वाली जिले के बांकेबाजार प्रखंड के मंजूरी खुर्द निवासी मशरूम सखी रीता कुमारी ने बताया कि राजेश सिंह के द्वारा मशरूम के उत्पादन को लेकर हमें प्रशिक्षण दिया गया था. जिसके बाद हम महिलाओं ने एक संस्था बनाई है. अब तक हमारी संस्था से लगभग 8 सौ महिलाएं जुड़ चुकी है. मशरूम के उत्पादन में हम लोग अगर 25 हजार की पूंजी लगाते हैं, तो उसका फायदा दुगना यानी 50 हजार रुपये की आमदनी होती है. मशरूम की खेती को और आगे कैसे बढ़ाया जाए ? इसके लिए हम लोग मशरूम सखी के माध्यम से महिलाओं को प्रशिक्षित कर रहे हैं. साथ ही मशरूम के उत्पादन के बारे में भी उन्हें जानकारी दे रहे हैं. ताकि वे मशरूम का व्यवसाय कर आत्मनिर्भर बन सके और उनकी अच्छी-खासी आमदनी हो सके.
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रीता कुमारी (मशरूम सखी)
Reporter for Industrial Area Adityapur