केंद्र सरकार की तरफ से सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम (Supreme court collegium) की सिफारिशों को मंजूरी दे दी गई है. इसमें सुप्रीम कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए 9 नाम भेजे गए थे.
केंद्र सरकार ने नामों को मंजूरी देते हुए उन फाइलों को अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेज दिया है. अब शुक्रवार तक औपचारिक ऐलान होने की उम्मीद है. इसके साथ ही भारत को पहली महिला चीफ जस्टिस मिलने का रास्ता भी साफ हो गया है. इन 9 जजों के नामों में जस्टिस बी वी नागरत्ना का भी नाम भेजा गया है. जो आगे चलकर चीफ जस्टिस भी बन सकती हैं. न्याय मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, इस बात की पूरी उम्मीद है कि अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सभी जजों का शपथ ग्रहण भी हो जाए.
सुप्रीम कोर्ट में 9 जजों की नियुक्ति से काफी राहत मिलेगी. क्योंकि पिछले दस सालों में जजों की कुल संख्या में सबसे कम जज अभी कार्यरत हैं. सुप्रीम कोर्ट में कुल 34 जजों की स्वीकृत संख्या है. इसमें अभी 24 जज कामकाज देख रहे हैं. 9 जजों के आने के बाद भी एक सीट खाली रहेगी. प्रस्तावित 9 जजों में 3 महिला जज शामिल जिन 9 नामों को कॉलेजियम द्वारा प्रस्तावित किया गया है उसमें तीन महिला जज हैं. जस्टिस बी वी नागरत्ना, जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस बेला त्रिवेदी के सुप्रीम कोर्ट आने के बाद यहां पहले से कार्यरत जस्टिस इंदिरा बनर्जी सहित चार महिला जज होंगी.
जस्टिस नागरत्ना 2027 में देश की पहली CJI होंगी. वहीं पीएस नरसिंहा बार से सीधे सुप्रीम कोर्ट जज बन रहे हैं. दरअसल सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम, जिसमें मुख्य न्यायाधीश एन वी रमना, जस्टिस यू यू ललित, जस्टिस ए एम खानविलकर, जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एल नागेश्वर राव शामिल हैं, उसने 17 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में पदोन्नति के लिए हाईकोर्ट के 8 जजों और एक वकील सहित 9 नामों की सिफारिश की थी. इनमें जस्टिस विक्रम नाथ (गुजरात), जस्टिस एएस ओका (कर्नाटक), जस्टिस हिमा कोहली (तेलंगाना) और जस्टिस जेके माहेश्वरी (सिक्किम) शामिल हैं. वहीं चार उच्च न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस बीवी नागरत्ना (कर्नाटक), जस्टिस एमएम सुंदरेश (मद्रास), जस्टिस सीटी रविकुमार (केरल), बेला एम त्रिवेदी (गुजरात), और वरिष्ठ वकील और पूर्व ASG पीएस नरसिम्हा का नाम है.
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