नयी दिल्ली: चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) एन वी रमण ने मंगलवार को तीन महिला जज सहित नौ नए जजों को सुप्रीम कोर्ट के जज के रूप में पद की शपथ दिलाई। यह सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार है जब नौ जज एक साथ पद की शपथ लेंगे और शपथ ग्रहण समारोह सुप्रीम कोर्ट के अतिरिक्त भवन परिसर के सभागार में होगा। परंपरागत रूप से नए जजों को पद की शपथ सीजेआई के अदालत कक्ष में दिलाई जाती है। मंगलवार को नौ नए जजों के शपथ लेने के साथ सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई सहित जजों की संख्या 33 हो जाएगी। सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई समेत कुल 34 जज हो सकते हैं।
सुप्रीम कोर्ट के जनसंपर्क कार्यालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है, ”यह भारत के सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में पहली बार है जब नौ जज एक बार में पद की शपथ लेंगे। इसके अलावा, समारोह स्थल को सभागार में स्थानांतरित कर दिया गया है। यह कोविड-19 मानदंडों के कठोरता से पालन की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए किया गया है।” विज्ञप्ति में कहा गया कि शपथ ग्रहण समारोह का डीडी न्यूज, डीडी इंडिया पर सीधा प्रसारण किया जाएगा और लाइव वेबकास्ट सुप्रीम कोर्ट के आधिकारिक वेब पोर्टल के होम पेज पर भी उपलब्ध होगा।
शीर्ष अदालत के जजों के रूप में पद की शपथ लेने वाले नौ नए जजों में न्यायमूर्ति अभय श्रीनिवास ओका (जो कर्नाटक हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति विक्रम नाथ (जो गुजरात हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे) , न्यायमूर्ति जितेंद्र कुमार माहेश्वरी (जो सिक्किम हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति हिमा कोहली (जो तेलंगाना हाईकोर्ट की मुख्य न्यायाधीश थीं) और न्यायमूर्ति बी. वी. नागरत्ना (जो कर्नाटक हाईकोर्ट की न्यायाधीश थीं) शामिल हैं।
विज्ञप्ति के मुताबिक, उनके अलावा, न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार (जो केरल हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति एमएम सुंदरेश (जो मद्रास हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे), न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी (जो गुजरात हाईकोर्ट की न्यायाधीश थीं) और पी. एस. नरसिम्हा (जो एक वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल थे) को भी सीजेआई द्वारा पद की शपथ दिलाई जाएगी। न्यायमूर्ति नागरत्ना सितंबर 2027 में पहली महिला सीजेआई बनने की कतार में हैं। न्यायमूर्ति नागरत्ना का 30 अक्टूबर 1962 को जन्म हुआ और वह पूर्व सीजेआई ई एस वेंकटरमैया की बेटी हैं। इन नौ नए जजों में से तीन- न्यायमूर्ति नाथ और न्यायमूर्ति नागरत्ना और न्यायमूर्ति नरसिम्हा सीजेआई बनने की कतार में हैं। न्यायमूर्ति नाथ फरवरी 2027 में शीर्ष अदालत के जज न्यायमूर्ति सूर्यकांत के सेवानिवृत्त होने पर देश के सीजेआई बनने की कतार में हैं। वर्तमान में, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी शीर्ष अदालत में एकमात्र सेवारत महिला जज हैं, जिन्हें सात अगस्त 2018 को मद्रास हाईकोर्ट से पदोन्नत किया गया था, जहां वह मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यरत थीं। हाईकोर्ट के जज 62 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त होते हैं वहीं सुप्रीम कोर्ट के जजों की सेवानिवृत्ति की उम्र 65 है।
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