जमशेदपुर: झारखंड की राजनीति के भीष्म पितामह और कभी झारखंड के मंत्री रहे सरयू राय इन दिनों गुस्से में है. उनकी नाराजगी झारखंड सरकार जमशेदपुर जिला प्रशासन और टाटा स्टील के खिलाफ है.
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आपको बता दें कि वैश्विक महामारी कोरोना के दूसरे लहर के फैलाव को देखते हुए राज्य सरकार की ओर से स्वास्थ्य सुरक्षा सप्ताह के तहत कई पाबंदियां लगाई गई थी. इसमें से एक पाबंदी राज्य भर के पार्कों को आम लोगों के लिए बंद करने का भी था, लेकिन कोरोनावायरस के दूसरे लहर का संक्रमण कम होते ही राज्य सरकार ने राज्य भर के पार्कों को खोलने का आदेश जारी कर दिया.
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वहीं जमशेदपुर के बिष्टुपुर स्थित ऐतिहासिक जुबिली पार्क को नहीं खोला गया था. आम लोगों के विरोध को देखते हुए मंत्री बन्ना गुप्ता, टाटा स्टील और जिला प्रशासन ने त्रिस्तरीय वार्ता में सशर्त मार्ग को खोलने का आदेश जारी किया गया. इसके तहत पार्क पहुंचने सैलानियों और आम लोगों के लिए पहचान पत्र अनिवार्य किया गया. लोगों ने विरोध किया. मामला सरयू राय तक पहुंचा. उसके बाद उन्होंने जिला प्रशासन को ट्वीट कर पहचान पत्र की अनिवार्यता समाप्त किए जाने की मांग उठाई थी. जिसके बाद जमशेदपुर उपायुक्त ने सरयू राय के ट्वीट पर संज्ञान लेते हुए पार्क में प्रवेश के लिए पहचान पत्र की अनिवार्यता समाप्त करने की बात कही, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है. साथ ही जुबिली पार्क में प्रवेश करने वाले मुख्य मार्ग को भी आम लोगों के लिए बंद कर दिया गया है. इसकी सूचना पर सोमवार सुबह सरयू राय खुद पार्क पहुंचे और हालात का जायजा लिया. जहां उन्होंने पार्क में प्रवेश के लिए पहचान पत्र की अनिवार्यता और आम लोगों के प्रवेश पर पाबंदी का पुरजोर विरोध करते हुए राज्य सरकार और स्थानीय विधायक सह मंत्री बन्ना गुप्ता पर जमकर निशाना साधा.
उन्होंने टाटा समूह के इस कार्य की कड़े शब्दों में निंदा की और सरकार के साथ समानांतर कानून बहाल करने की नसीहत दे डाली. सरयू राय ने कहा टाटा स्टील से किस कानून के तहत आम लोगों के लिए पार्क में प्रवेश किया है. उन्होंने इसे टाटा स्टील का तानाशाही बताया बताया और कहा टाटा समूह सरकार के साथ लीज एग्रीमेंट के तहत बंधा है. पार्क का निर्माण जब हुआ था, तब से लेकर आज तक पाक के भीतर से होकर आम लोग आवागमन कर रहे थे लेकिन अब सोची समझी साजिश के तहत टाटा स्टील ने स्थानीय विधायक सह मंत्री और जिला प्रशासन के साथ मिलकर आम लोगों का रास्ता बंद कर दिया है, और पार्क में प्रवेश से पूर्व पहचान पत्र की अनिवार्यता कर दी है. जो सरासर गलत और गैर कानूनी है. इससे न केवल टाटा समूह की वैश्विक छवि पर धब्बा लगेगा, बल्कि सरकार के साथ पर भी बट्टा लगेगी.
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