सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर स्थित लीला मेडिकल में पशुओं को मुफ्त एंटी रैबीज का टीका दिया गया. इस संबंध में पशु चिकित्सक डॉक्टर एसके रत्नाकर ने बताया कि रेबीज एक विषाणु जनित जेनेटिक बीमारी है, जो किसी भी स्तनधारी पशुओं में हो सकता है. विशेषकर मांसाहारी पशुओं में इसकी संभावना अधिक रहती है. वन्य पशु इससे सबसे ज्यादा संक्रमित होते हैं. पालतू पशुओं में भी इसकी संभावना बनी रहती है इसलिए जो इंसान घरों में कुत्ते, बिल्ली बंदर वगैरह पालते हैं उन्हें नियमित रूप से रेबीज का इंजेक्शन दिलवाना चाहिए. शिविर में 50 से अधिक पालतू पशुओं को रेबीज का इंजेक्शन दिया गया. इस दौरान जिले के कई पशु चिकित्सक भी मौजूद रहे. विदित रहे कि हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस मनाया जाता है. रेबीज दिवस ग्लोबल एलाइंस फॉर रेबीज कंट्रोल अभियान है, जो एक गैर लाभकारी संगठन द्वारा संचालित एक अंतरराष्ट्रीय अभियान है. जिसका मुख्यालय संयुक्त राज्य अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम में है. इसका संचालन संयुक्त राष्ट्र की देखरेख में किया जाता है जिसका कई मनुष्य एवं पशुओं के स्वास्थ्य से संबंधित अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा संचालन किया जाता है. रेबीज टीका के जनक डॉक्टर लुईस पाश्चर की पुण्य तिथि 28 सितंबर के मौके पर हर साल एंटी रेबीज डे पूरी दुनिया में मनाई जाती है. रेबीज एक जानलेवा बीमारी है पूरी दुनिया में 50000 लोगों की मौत हर साल रेबीज के कारण होती है. अकेले अफ्रीका और भारतीय महाद्वीप में 20000 लोग इस बीमारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवा देते हैं. जागरूकता ही इससे बचाव का एक मुख्य कारण है.
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