सरायकेला: जिले में दो दिनों से लगातार हो रही बारिश किसानों पर आफत बनकर बरसी है. बारिश और तेज हवा से किसानों के खेतों में खड़ी फसलें पानी में गिर गई. इससे सैकड़ों एकड़ में लगी धान व सब्जियों की फसलें बर्बाद हो गई है. पहले की फसल का सही मूल्य न मिलने से परेशान किसान के माथे आसमानी बारिश ने चिंता की लकीरें खींच दी हैं. सरायकेला, खरसावां, कुचाई, राजनगर, चांडिल समेत विभिन्न क्षेत्रों में पिछले दो दिनों से हो रही बारिश से आम जन जीवन पर गहर असर पड़ा पड़ा है. रविवार को दिनभर बेमौसम बारिश के कारण लोग घरों में ही दुबके रहे. आमदा व बड़ाबांबो में लगने वाले साप्ताहिक हाट में काफी कम दुकानदार व लोग पहुंचे. कुछेक सब्जी दुकानों को छोड़ बाकी दुकानें बंद रहीं. इसमें तांतनगर, खूंटपानी, झींकपानी के बाजार भी शामिल हैं. सुबह से हो रही लगातार बारिश से बस पड़ाव और सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा. मौसम का मिजाज बिगड़ने से ठंड बढ़ने लगी है. बारिश के साथ ठंडी हवाओं से लोग काफी परेशान रहे. वहीं, दूसरी ओर बारिश के कारण सब्जियों को भारी क्षति हुई. सबसे अधिक धान की फसल को नुकसान हुआ, जो धान खेत में हैं, उनके बाली झड़ने लगे. जो धान काट कर खेत की मेड़ पर रखे हैं, वह बर्बाद हो गए. खलियान में रखे धान को भी नुकसान हुआ. खेतों में तैयार धान पानी में सड़ रहे हैं. कुल मिलाकर इस असमय वर्षा ने किसानों की कमर तोड़ दी है. इस वर्ष असमय हो रहे बारिश से धान की फसल और सब्जी की खेती को भारी नुकसान पहुंचा है. खेत पानी में डूब जाने के कारण क्षेत्र के किसानों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. जिले में रविवार की दोपहर से लगातार बारिश हो रही है. यह सिलसिला सोमवार को भी जारी रहा तो किसानों के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन सकता है. साथ ही पहले से ही सब्जियों की बढ़ी कीमतों में और इज़ाफ़ा हो सकता है. लगातार हो रही बारिश से किसानों की कई एकड़ फसल के नुकसान का अनुमान है. कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार अभी फिलहाल जो आंकड़े ब्लॉकों से आए हैं उसमें अभी तक 15 से 20 फीसदी नुकसान का अनुमान है.
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