नीमडीह: 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति पर सरकार की मुहर लगते ही कुड़मी समुदाय हम कुड़मी को एसटी में शामिल करने की मांग पर सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गए हैं. इसके निमित्त अब झारखंड, बंगाल और उड़ीसा के कुड़मी समुदाय के लोग आंदोलन तेज कर सरकार पर दबाव की तैयारी कर रहे हैं.
मंगलवार को इसका नजारा देखने को मिला. जहां पश्चिम बंगाल के खड़गपुर से लेकर सरायकेला- खरसावां के नीमडीह तक रेलवे ट्रैक को कुड़मी समुदाय के लोगों द्वारा जाम कर रेल यातायात बाधित कर दिया गया. जिससे हावड़ा- मुंबई मार्ग की दर्जनों ट्रेन जहां- तहां फंसी रही. यात्री स्टेशनों पर हंगामा करते नजर आए.
उधर कुड़मी समाज के लोगों ने साफ कर दिया है, कि जिस तरह अविभाजित बिहार के वक्त कुड़मी समुदाय को एसटी का दर्जा प्राप्त था, उसी तरह झारखंड में उन्हें भी एसटी का दर्जा दिया जाए. साथ ही बंगाल और उड़ीसा सरकार से भी कुड़मी समुदाय को एसटी में शामिल किए जाने की मांग की जा रही है.
यूं कह सकते हैं कि कहीं न कहीं सरकार पर दबाव बनाने का प्रयास कुड़मी समुदाय द्वारा किया जा रहा है.
इससे पूर्व खतियान आंदोलन को लेकर सरकार पर दबाव बनाने का असर होते ही अब कुड़मी समुदाय एसटी का दर्जा देने की मांग को लेकर आंदोलन की मुद्रा में आ गए हैं. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि सरकार इसे किस लहजे में लेती है.
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