सरायकेला: सरायकेला अंचल के दुगनी भुइयां साई टोला में रंगारंग कार्यक्रमों के बीच रास पूर्णिमा उत्सव का आयोजन किया गया. गांव के राधा कृष्ण मंदिर एवं पूजा स्थल पर पारंपरिक रीति रिवाज के अनुसार पूजा अर्चना व भजन कीर्त्तन करते हुए रास पूर्णिमा उत्सव मनाया गया जिसमें सैकड़ो भक्त शामिल हुए. इसके तहत शनिवार को राधा कृष्ण की धातु निर्मित प्रतिमा को भजन कीर्तन करते हुए गांव के बाहर छेड़काई पूजा अस्थल पर ले जाया गया. जहां भगवान श्री कृष्ण की प्रतिमा को स्थापित कर पारंपरिक पूजा अर्चना कर सुख, शांति व समृद्वि की मंगलकामना की गयी. पूजा अर्चना के पश्चात महाप्रसाद का वितरण किया गया. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा को चांद से अमृत बरसता है। यही कारण है कि इस दिन का महत्व बहुत ज्यादा होता है. इस दिन चांद की रोशनी में खुले आसमान के नीचे खीर बनाकर रखी जाती है जिसका सेवन मध्य रात्रि 12 बजे के बाद किया जाता है. खीर देवताओं का प्रिय भोजन माना जाता है इस खीर को पूजा अर्चना और भजन-कीर्तन के बाद सभी लोगों में वितरण की जाती है.
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