सरायकेला: राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस के मौके पर जिला समाहरणालय में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) के दौर में पत्रकारिता की चुनौती विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. इसमें जिले के विभिन्न संस्थानों के पत्रकार मौजूद रहे. कार्यशाला की अध्यक्षता उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला ने की, जबकि संचालन डीपीआरओ सुनील कुमार सिंह ने की. कार्यक्रम में बतौर विशिष्ट अतिथि डीडीसी प्रवीण कुमार गागराई मौजूद रहे.
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने जिले के पत्रकारों को राष्ट्रीय पत्रकारिता दिवस की शुभकामनाएं दी. उन्होंने वर्तमान पत्रकारिता के दौर में “कृत्रिम मेधा” यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बढ़ते चलन को एक चुनौती बताया और कहा इसका प्रयोग आज के दौर के पत्रकारों को सावधानी पूर्वक करने की जरूरत है. इसके सकारात्मक परिणाम जरूर होते हैं मगर ज्यादातर खतरा बना रहता है. उन्होंने पत्रकारों को किसी भी तरह के रिपोर्ट एवं खबरों की पुष्टि करने के बाद ही प्रसारित करने की अपील की. उपायुक्त ने जिले के पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि नकारात्मक अथवा सकारात्मक पत्रकारिता जरूर करें मगर तथ्यों एवं आंकड़ों के आधार पर करें, ताकि लोगों की समस्याओं का समाधान हो सके.
कार्यशाला में प्रेस क्लब ऑफ सरायकेला- खरसावां के अध्यक्ष मनमोहन सिंह ने पत्रकार सुरक्षा कानून एवं पत्रकार बीमा के मुद्दे को जोर- जोर से उठाया. इसपर उपायुक्त ने वरीय पदाधिकारी से बात कर वस्तु स्थिति की जानकारी देने का भरोसा दिलाया. वहीं वरिष्ठ पत्रकार सचिंद्र कुमार दास ने प्रेस एक्रीडेशन में आ रहे परेशानियों का मुद्दा उठाया. इस पर उपायुक्त ने सूचना एवं जनसंपर्क पदाधिकारी को निर्देशित करते हुए अविलंब निष्पादित करने को कहा.
कार्यशाला के बाद प्रेस क्लब के सदस्यों ने उपायुक्त को मुख्यमंत्री के नाम एक 10 सूत्री ज्ञापन भी सौंपा. इस पर उपायुक्त ने भरोसा दिलाया कि उनकी मांगों को मुख्यमंत्री सचिवालय तक प्रेषित कर दिया जाएगा. साथी उन्होंने भरोसा दिलाया कि उनके कार्यकाल में जिले के पत्रकार निर्भीक होकर निष्पक्ष पत्रकारिता करें पूरी सुरक्षा प्रदान की जाएगी. कार्यशाला में मुख्य रूप से वरिष्ठ पत्रकार शेख अलाउद्दीन, सुमंगल कुंडू (केबु), प्रमोद सिंह, रमजान अंसारी, लखिन्द्र नायक, उपेन महतो, हिमांशु गोप, उमाकांत प्रधान, प्रताप मिश्रा, लाल बहादुर शास्त्री, सुरेंद्र सोरेन, बसंत साहू, सचिन मिश्रा, विजय साहू, के. दुर्गा राव, मनीष कुमार, विपिन वार्ष्णेय, सुमित सिंह, रासबिहारी मंडल, मधुसूदन सिंह, गोलक बिहारी, शुभाशीष मुखर्जी, रविकांत गोप, चंद्रशेखर, पारस होता, नंदन उपाध्याय, शोभा उपाध्याय एवं शशांक प्रधान मौजूद रहे.
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रवि शंकर शुक्ला (उपायुक्त)