सरायकेला: झारखंड राज्य मनरेगा कर्मचारी संघ के आह्वान पर वादा निभाओ स्थायी करो सत्याग्रह आंदोलन कार्यक्रम के तहत सरायकेला- खरसावां मनरेगा कर्मचारी संघ के सदस्य लगातार 75 वें दिन शनिवार को समाहरणालय के समक्ष धरना स्थल पर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे रहे. इस दौरान मनरेगा कर्मियेां ने अपनी मांगों की पूर्ति को लेकर नारेबाजी की.
वहीं मनरेगा कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष शंकर सतपति ने कहा कि 22 जुलाई 2024 से ही मनरेगा कर्मचारी अपनी मांगों की पूर्ति के लिए अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. फिर भी अबतक ग्रामीण विकास मंत्री द्वारा सिर्फ मौखिक वार्ता की गयी है. जो संतोषप्रद नहीं रहा. सरकार लॉलीपॉप दिखाकर हड़ताल तोड़वाना चाहती है, जो कतई संभव नहीं है.
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उन्होंने कहा कि मनरेगा कर्मचारी संघ की मांग सचिवालय और जिला के मनरेगा कोषांग में दिया जाने वालो ग्रेड पे है. मनरेगा कोषांग और क्षेत्रीय कर्मियों में यह कैसा भेदभाव है. सरकार की यह दोहरी नीति अब नहीं चलेगी. क्षेत्रीय कर्मी को भी ग्रड पे देना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि 75 दिनों से मनरेगा मजदूरों को काम नही मिला है. पूरे झारखंड में करीब 50 लाख मनरेगा मजदूरों की स्थिति दयनीय हो चुकी है. आज सभी मनरेगा मजदूर दूसरे राज्यों में पलायन कर रहे हैं. करीब 5 हजार मनरेगा कर्मी का परिवार भुखमरी के कगार पर खड़ा है. सरायकेला जिला में बिरसा हरित क्रांति, बागवानी, बिरसा सिंचाई कूप, मेढ़बंदी, भूमि समतलीकरण, डोभा, अबुआ आवास का कार्य बंद पड़ा हुआ है. फिर भी सरकार गहरी नींद में सोयी हुई है. उन्होंने कहा इस निकम्मी सरकार को बदलना ही राज्य के हित में है. शंकर सतपति कहा कि सरकार को हमें स्थायीकरण एवं ग्रेड पे देना पड़ेगा. मनरेगा कर्मी इसके हकदार हैं. मनरेगा कोषांग में वर्ष 2022 से ही ग्रेड पे लागू है. उन्होंने कहा कि अब सबकी निगाहें सिर्फ मुख्यमंत्री पर टिका हुआ है, जो स्थायीकरण व ग्रेड पे दे सकते हैं. धरना में काफी संख्या में मनरेगा कर्मी मौजूद थे.
बाईट- शंकर सतपथी (जिलाध्यक्ष मनरेगा संघ)