सरायकेला: जिले में इन दिनों सरकारी विभागों में मंत्री के नाम पर अधिकारियों से मनमुताबिक काम निकालने का खेला जोरों पर है. अब सवाल ये उठता है कि मंत्री जी को इसकी जानकारी रहती है कि नहीं ! सरकारी सूत्रों की मानें तो हर बड़ा अधिकारी मंत्री जी के “खास” से त्रस्त है. वे खुलकर काम नहीं कर पा रहे हैं. किसी भी तरह के जांच और कार्रवाई में मंत्री जी के “खास” की पैरवी पहुंच जाती है और जांच प्रभावित हो जाता है.
इसपर हमने कुछ बड़े मामलों के संबंध में मंत्री जी के भरोसेमंद लोगों से पड़ताल करने का प्रयास किया तो पाया कि मंत्री जी को इसकी कोई जानकारी ही नहीं है, न ही ऐसे मामलों में कभी मंत्री जी किसी को पैरवी करने की अनुमति देते हैं, तो क्या मंत्री जी के “खास” मंत्री जी के आड़ में खेला खेल रहा है ? वैसे सरकारी विभागों के अधिकारियों के समक्ष कई दुविधाएं हैं इस वजह से वे ज्यादा कुछ नहीं कर पाते. चुपचाप फाइलों को दबाकर रख देते हैं. ऐसे कई फाइल हैं जो मंत्री जी के “खास” की वजह से जांच के नाम पर दबे हुए हैं. इससे मंत्री जी की छवि भी बिगड़ने लगी है.
“खास” पर मेहरबानी की वजह से मंत्री जी की हो रही फजीहत, मंत्री जी मौन
मंत्री जी के “खास” की वजह से मंत्री जी के साख पर बट्टा लग रहा है. इसकी जानकारी मंत्री जी को शायद नहीं है. यदि होती तो मंत्री जी उसे बर्दाश्त नहीं करते. हालांकि मंत्री जी के करीबियों को इसकी जानकारी हो चुकी है, मगर मंत्री जी का “खास” प्रेम की वजह से वे चुप रहने में ही अपनी भलाई समझते हैं, क्योंकि “खास” बेहद ही शातिर है और बड़ी चालाकी से मंत्री जी की आड़ में करोड़ों का सल्तनत खड़ा कर चुका है. हर ट्रांसफर- पोस्टिंग, फाइलों के उलट- पुलट, टेंडर मैनेज के नाम पर उसने अपनी सल्तनत खड़ी की है. ये मंत्री जी के करीबियों को चुभने लगा है, बावजूद इसके मंत्री जी की चुप्पी के आगे वे नतमस्तक हैं. खबर ये भी है कि पिछले बार मंत्री जी के एक “खास” को उनसे दूर करने में इस “खास” की बड़ी भूमिका रही है, हालांकि उस “खास” ने भी मंत्री जी की आड़ में अकूत संपत्ति अर्जित की है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि इस “खास” पर मंत्री जी कबतक मेहरबान रहते हैं.
Reporter for Industrial Area Adityapur