SARAIKELA उपायुक्त अरवा राजकमल की अध्यक्षता में गुरुवार को मनरेगा अंतर्गत संचालित योजनाओं की बैठक कर समीक्षा की गई. बैठक में उपायुक्त ने बिरसा हरित ग्राम योजना, दीदी बाड़ी योजना, दीदी बगिया योजना, आंगनवाड़ी, पीएम आवास, आवास प्लस, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आवास समेत सभी योजनाओं की कार्य प्रगति का प्रखंडवार समीक्षा कर लंबित कार्यों को ससमय पूर्ण करने के निर्देश दिए.
उपायुक्त ने कहा समीक्षा बैठक का मुख्य उदेश्य जनमानस हेतु लाभकारी योजनाओं का चयन एवं योजनाओं को सममय पूर्ण कर योग्य लाभुकों को लाभनवित करना है. उपायुक्त ने कहा किसानो के आय में वृद्धि करने तथा आधारभूत संरचनओं के निर्माण हेतु केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है, जिसके तहत योग्य लाभुकों ख़ासकर इच्छुक महिला लाभुकों का चयन कर लाभान्वित करना सुनिश्चित करें.
उपायुक्त ने कहा मनरेगा अंतर्गत किए जा रहे योजनाओं की जानकारी जनमानस को हो इस हेतु पोर्टल या एमजी नरेगा एप्प, भुवन एप्प के बारे में जानकारी साझा करें. इस दौरान उपायुक्त ने सभी बीडीओ को क्षेत्र में योग्य लाभुकों का चयन कर सरकार के कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित करने की बात कही.
उपायुक्त ने कहा योजनाओं के सफल क्रियान्वयन एवं अधिक से अधिक लाभुकों को लाभान्वित करने हेतु सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी समय- समय पर योजनाओं का स्थल निरीक्षण करें, योजनाओं की कार्य प्रगति का समीक्षा करें, ताकि योजनाओं को ससमय पूर्ण किया जा सकें. उपायुक्त ने कहा बैंक से संबंधित प्राप्त शिकायतों का निपटारा एवं छात्रवृत्ति प्रदान करने वाले बच्चों के बैंक अकाउंट खोलने हेतु, स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने हेतु ब्लॉक लेवल हॉस्पिटल सोसाइटी की बैठक एवं शेष बचे लाभुकों से धान खरीद हेतु, धान अधिप्राप्ति से सम्बंधित बैठक करें. उपायुक्त ने कहा सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी सीवीसी में आवश्यकतानुसार इंफ्रास्ट्रक्चर तथा सामग्रियों की जानकारी प्राप्त कर लिस्ट बनाए, सभी प्रखंड में पांच हेल्थ सब सेंटर तथा हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर संचालित करें. क्षेत्र अंतर्गत कुपोषित बच्चों को एमटीसी में एडमिट कराए. बैठक में उपायुक्त अरवा राजकमल ने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को जानकारी देते हुए बताया, कि सभी प्रखंडों में दिव्यांगजनों को यूआईडी बनाने हेतु विशेष शिविर का आयोजन किया जा रहा है, सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यक्रम के संबंध में स्थानीय क्षेत्रों में व्यापक प्रचार- प्रसार सुनिश्चित करें, ताकि अधिक से अधिक योग्य लाभुकों दिव्यांगजनों का यूआईडी जेनरेट किया जा सके.