सरायकेला: पिछले 9 वर्षों से राजनीति और विभागीय उदासीनता का दंश झेल रहा सरायकेला जिले के गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत निर्माणाधीन ईटागढ़- आसंगी पुल अबतक अधूरा है.
पिछली रघुवर सरकार से लेकर वर्तमान की हेमंत सोरेन सरकार तक उपेक्षा का शिकार इस अधूरे पुल से हजारों लोगों का प्रखंड मुख्यालय से सीधा संपर्क नहीं होने से लोगों को 15 से 20 किलोमीटर अधिक दूरी तय करना पड़ रहा है. अब भाजपा नेता रमेश हांसदा ने इस अधूरे पुल के निर्माण को लेकर वर्तमान सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. जहां शुक्रवार से भाजपा नेता रमेश हांसदा के नेतृत्व में भाजपाइयों ने पुल के आस-पास के गांवों में हस्ताक्षर अभियान चलाया. साथ ही आगामी 15 दिसंबर को अधूरे पुल के समक्ष धरना- प्रदर्शन के लिए ग्रामीणों को निमंत्रण देते हुए आंदोलन को सफल बनाने की अपील भी की. भाजपा नेता रमेश हांसदा ने बताया कि ग्रामीणों के हस्ताक्षर युक्त आवेदन को राज्यपाल के पास भेजा जाएगा ताकि क्षेत्र की समस्याओं से राज्यपाल अवगत हो सकें. इस दौरान भाजपा नेता अभिजीत दत्ता, विशु महतो, सपन महतो, पुष्टि गोप, उमापदो मुर्मू आदि मौजूद रहे.
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मंत्री चम्पई सोरेन को साधने में जुटे भाजपा नेता रमेश हांसदा अपनी ही पार्टी के लिए बनेंगे सिरदर्द !
रिकॉर्ड 6 बार से क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर रहे स्थानीय विधायक चम्पई सोरेन जो वर्तमान सरकार में कद्दावर मंत्री भी हैं, उनको साधने की कवायद में एक बार फिर से इस पुल के सहारे भाजपा राजनीतिक जमीन तलाशने की में जुट गई है. आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट की उम्मीद लगाए बैठे भाजपा नेता रमेश हांसदा ने इस अधूरे पुल को लेकर आंदोलन की शुरुआत कर दी है. हालांकि पिछले दो टर्म से यहां भाजपा ने गणेश महाली को टिकट दिया था और उन्हें चम्पई सोरेन के खिलाफ मुंह की खानी पड़ी है. इस बार भाजपा के लिए टिकट बंटवारे में रमेश हांसदा मजबूत दावेदारी पेश कर सकते हैं. हालांकि 2019 में भी रमेश हांसदा टिकट के प्रबल दावेदार थे, मगर अंतिम समय में पार्टी ने गणेश महाली पर भरोसा जताते हुए उन्हें टिकट दिया मगर वे बड़े अंतराल से चुनाव हार गए. वैसे भाजपा नेता रमेश हांसदा टिकट नहीं मिलने के बाद भी लगातार क्षेत्र में सक्रिय हैं और जमीनी स्तर पर अपनी बिसात तैयार कर रहे हैं. उनकी सक्रियता गणेश महाली के लिए बेचैनी बढ़ा सकती है.
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