जमशेदपुर: कंस्ट्रक्शन के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना चुके समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक पद से हटाए जाने के निर्णय को डायरेक्टर राजेश सिंह एवं भारती सिंह ने चुनौती देते हुए पूरे प्रकरण को अवैध करार दिया है. साथ ही अपने पार्टनर के विरुद्ध 50 करोड़ की ममहानी करने की बात कही है.

मंगलवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर राजेश सिंह एवं भारती सिंह ने पूरे प्रकरण को गैर कानूनी बताते हुए न्यायालय की शरण में जाने की बात कही है. दोनों ने बताया कि हमारे प्रतिष्ठा का हनन करने के उद्देश्य से ऐसा किया गया है. उन्होंने कहा कि पिछले 32 वर्षों से इस ग्रुप को हमने सींचा है. बगैर हमारे जानकारी के हमें बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के निदेशक पद से हटाना पूरी तरह से गैर कानूनी है. इसमें पूरी तरह से न्यायालय के आदेश का अवहेलना किया गया है. क्योंकि हमने पिछले साल 13 फरवरी को मिले नोटिस के बाद 14 फरवरी 2025 को एनसीएलटी में एक याचिका दायर की थी. इसके बाद 24 फरवरी 2025 को न्यायालय ने स्पष्ट आदेश दिया था कि बोर्ड के निदेशक मंडली में किसी तरह का भी बदलाव नहीं करना है, इसके बावजूद कंपनी के कुछ निदेशकों ने साजिशन 28 फरवरी को बैठक आयोजित कर मुझे और भारतीय सिंह को निदेशक पद से हटाने का एक तरफा निर्णय लिया जो न्यायालय की अवमानना है.
राजेश सिंह ने इस फैसले के पीछे कंपनी में करोड़ों रुपए की हेरा फेरी को बताया. उन्होंने कहा कि हमने पहले ही संबंधित निदेशकों को सूचित किया था. इसी संदर्भ में कंपनी के बैंकर एक्सिस बैंक लिमिटेड को बैंक ऑपरेशन में बदलाव के लिए पत्र लिखा था. जिसमें कहा गया कि बैंक के किसी भी व्यवसाय में किन्हीं दो नहीं अपितु चार निदेशकों अनूप रंजन राम प्रकाश पांडे, राजेश कुमार सिंह और श्रीमती नूतन कुमारी के हस्ताक्षर के बाद ही कोई व्यवसाय हो परंतु इस निवेदन को भी स्वीकार नहीं किया गया. जब मैने इस मुद्दे को उठाया और किसी भी चार्टर्ड अकाउंटेंट से ऑडिट जांच करने की मांग के साथ- साथ वित्तीय लेनदेन को पारदर्शी बनाने की मांग की तो दुर्भावना से ग्रसित होकर मुझे और भारती सिंह को अवैध रूप से हटा देने का एकतरफ़ा साजिश रचा गया. उन्होंने दावा किया कि समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक वे आज भी हैं. उन्होंने निवेशकों को सूचित किया कि समय कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड का मामला नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल यानी एनसीएलटी में लंबित है. निवेश करने से पहले विवेकता पूर्ण निर्णय ले ताकि भविष्य में किसी भी निवेशक को किसी भी प्रकार की परेशानी या हानि ना हो. क्योंकि कानूनी लड़ाई जब तक चलती रहेगी तब तक इसका असर कंपनी के प्रोजेक्ट पर भी पड़ सकता है. उन्होंने कहा किया मामला केवल एक निदेशक को हटाने का नहीं बल्कि कॉरपोरेट, गवर्नेंस, पारदर्शिता और न्याय का भी है. उन्होंने अपने सभी सहयोगियों, निवेशकों और हितधारकों को आश्वस्त किया कि मैं इस लड़ाई को अंतिम सांस तक लडूंगा और कंपनी के साख को बचाने के लिए जीवन के अंतिम सांस तक प्रयास करूंगा. बता दे कि समय कंस्ट्रक्शन के बोर्ड आफ डायरेक्टर में नूतन कुमारी, राजेश कुमार सिंह, अनूप रंजन, रश्मि नारायण, राम प्रकाश पांडे, राजीव कुमार, भारती सिंह एवं मीना देवी थे. बीते 28 फरवरी को इन्होंने बगैर राजेश कुमार सिंह एवं भारती सिंह को सूचित किये दोनों को बोर्ड आफ डायरेक्टर से निष्कासित करने का फरमान जारी कर दिया. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या रियल एस्टेट जगत में इस तरह के निर्णय को स्वीकार किया जाएगा ? इनके प्रोजेक्ट में निवेश करने वालों को इसका नुकसान नहीं होगा ? इस सवाल के जवाब में राजेश कुमार सिंह ने बताया कि पिछले 8 वर्षों से इस विवाद को सुलझाने का सामाजिक और कारपोरेट जगत की ओर से किया जा रहा था. मगर जब हमने वित्तीय हेरा- फेरी के मामलों पर अपनी आवाज मुखर की तो हमारे साथ इस तरह का बर्ताव किया गया.
