रूस-यूक्रेन के बीच जंग: तीसरा विश्व युद्ध होगा या नहीं होगा यह तो भविष्य के गर्भ में छुपा हुआ है। हालांकि इस युद्ध को लेकर कई लोग आशंका प्रकट करते रहे हैं। वर्तमान में यूक्रेन और रशिया के बीच चल रहे तनाव और संघर्ष को लेकर आशंका व्यक्त की जा रही है कि यदि इन दोनों के बीच किसी तीसरे पक्ष ने दखल दिया तो इस युद्ध की परिस्थिति बदलकर विश्व युद्ध में तब्दिल हो जाएगी। विशेषज्ञों की आशंका के चलते अब लोग भविष्यवक्तों की भविष्यवाणियों पर भी एक बार फिर चर्चा करने लगे है। ऐसे में सबसे पहले नाम याद आता है नास्त्रेदमस का। नास्त्रेदमस ने अपनी भविष्यवाणी की पुस्तक में तीसरे विश्व युद्ध का जिक्र किया है। यहां पर उनकी भविष्वाणी की हिन्दी भाषा में अनुदित पुस्तक से हमने संकलित की है तीसरे विश्व युद्ध से संबंधित कुछ पंक्तियां, जिसके सच या झूठ होने का दावा हम नहीं करते हैं।
भूमिका : नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियों के जानकारों के अनुसार 2009 से 2013 तक दुनिया में बड़ी क्रांतियां होंगी। फिर 21वीं शताब्दी में तीसरा विश्वयुद्ध होगा जो मेसोपोटामिया की पवित्र भूमि से छिड़ेगा। जानकार कहते हैं कि तीसरा एंटी क्राइस्ट युद्ध की शुरुआत करेगा। इससे पहले नेपोलियन और हिटलर को नास्त्रेदमस ने एंटी क्राइस्ट कहा था और कहा था कि तीसरा एंटी क्राइस्ट जब आएगा तो 27 साल तक तीसरा विश्वयुद्ध चलेगा। हमने नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी के हिन्दी अनुवाद को जस का तस रख दिया है जो इस युद्ध से जुड़ी हुई मानी जाती है। हालांकि ये कल्पना और संभावनाओं पर आधारित है जिसकी सचाई की हम पुष्टि नहीं करते हैं।
1. ”धर्म बांटेगा लोगों को। काले और सफेद तथा दोनों के बीच लाल और पीले अपने-अपने अधिकारों के लिए भिड़ेंगे। रक्तपात, बीमारियां, अकाल, सूखा, युद्ध और भूख से मानवता बेहाल होगी।” (vi-10) 2. ‘एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पहुंचेगा। और युद्ध शुरू करेगा। उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा।’ (11-5)- नास्त्रेदमस। 3. ‘लाल के खिलाफ एकजुट होंगे लोग, लेकिन साजिश और धोखे को नाकाम कर दिया जाएगा।’
पूरब का वह नेता अपने देश को छोड़कर आएगा, पार करता हुआ इटली के पहाड़ों को और फ्रांस को देखेगा। वह वायु, जल और बर्फ से ऊपर जाकर सभी पर अपने दंड का प्रहार करेगा।’ 4. एक दूसरे से अजनबी साम्राज्य के खिलाफ बागवत करेंगे। एक ऊंचे सपने और आजादी के लिए सब कुछ दांव पर लगा देंगे। एक किला आजाद करा लिया जाएगा और हुकूमत देखती रह जाएगी। भारी मारकाट से वह बौखला जायेंगे। (ii-25)..एक नेता अपने देश से दूर किसी पनडुब्बी में छिपकर जाएगा और अलग भाषा व संस्कारों वाले लोगों की मदद से अपने देश के हजारों लोगों को रास्ता दिखाएगा। वह एक युद्ध में भाग लेगा, जिसमें बहुत से मारे जाएंगे। (1-18)।
5. ‘अनीश्वरवादी और ईश्वरवादियों के बीच संघर्ष होगा।’ -(6-62)। 6. जब तृतीय युद्ध चल रहा होगा उस दौरान चीन के रासायनिक हमले से एशिया में तबाही और मौत का मंजर होगा, ऐसा जो आज तक कभी नहीं हुआ।- (vi-51). 7. ‘एक मील व्यास का एक गोलाकार पर्वत अंतरिक्ष से गिरेगा और महान देशों को समुद्री पानी में डुबो देगा। यह घटना तब होगी, जब शांति को हटाकर युद्ध, महामारी और बाढ़ का दबदबा होगा। इस उल्का द्वारा कई प्राचीन अस्तित्व वाले महान राष्ट्र डूब जाएंगे।’ (I-69) 8. बाढ़ के बाद आएगा एक ऐसा साल जब दो मुखिया चुने जाएंगे। इनमें से पहला सत्ता छोड़ देगा वह कलंक से बचने को ऐसा करेगा। परंतु दूसरे के सामने और कोई चारा नहीं होगा। पहले मुखिया को बनाने वाला घर भंग हो जाएगा। (ix-4). 9. चीन की फौजें जब फ्रांस में घुसेगी तब जम कर आणविक और कींटाणु अस्त्रों का प्रयोग होगा। इसके बाद ये फौजें पूर्वी यूरोप के भीतर तक घुस जाएगी। वहां से दक्षिण स्पेन पर अरब फौजों की मदद से हमला किया जाएगा। (।।-29, ।।-96, v।-80, v।।।।-51, v-55, ।।।-20, ।-73, v।।।-94, v।-88) 11. ईरानवासी एक अरब मुखिया दक्षणि पूर्वी स्पेन पर काबू पा लेगा। शनि और मंगल सिंह राशि में होंगे तब स्पेन हाथ से जाता रहेगा। फ्रांसीसी हार ही जाएंगे। फिर पूर्वी हमलावर यूरोप पर भारी बमबारी करेगा। इटली को ही ये लोग प्रमुख अड्डा बनाएंगे। यूरोप कीटाणु हमले का शिकार होगा। (।।।-64, v-14, ।v-48)…फिर होगा स्विट्जरलैंड पर हमला। वहां के बैंकों का खजाना लूटा जाएगा। स्विस सेना कुछ न कर पाएगी। (v-85, ।-x-44, ।।-83). 12. ‘एक देश में जनक्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा (यह मिस्र में हो चुका है)। नया पोप दूसरे देश में बैठेगा (यह भी हो चुका है।) मंगोल (चीन) चर्च के खिलाफ युद्ध छेड़ेगा। (चीन का अमेरिका के खिलाफ छद्मयुद्ध तो जारी है ही)। नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा तब तृतीय युद्ध शुरू होगा। 13. यूरोप के बाद अमेरिका को निशाना बनाया जाएगा। एक प्रमुख चीन जनरल का पोता हमले की कमांड संभालेगा। पहला हमला जबरदस्त होगा। अमेरिका में अफरातफरी फैल जाएगी। नये शहर का आसमान आग से भर जाएगा। यह आग तेजी से उपर उठेगी। (।v-99, ।।-95, ।v-97) 14. फिर अमेरिका और रूस मिलकर हमालावर देश पर कीटाणु का महला करेंगे। बचाव का कोई चारा न देख वे ऐसा करेंगे।- (।-x-99)। 15. ‘अंतिम दौर में दुनिया शनि की विलंबत वापसी से नुकसान उठाएगी। साम्राज्य एक काले राष्ट्र के हाथों चला जाएगा।- (।।।।-92)। 16. अंतिम अरब टुकड़ी बगावत करके अपने कमांडर से समर्पण करा देगी। तीसरा विश्व युद्ध खत्म हो जाएगा।- (।-70) 17. अंतत: परमात्मा का हाथ रक्तपिपासु एलस Alus तक पहुंच जाएगा। वह खुद को समुद्र में भी नहीं बचा पाएगा। दो नदियों के बीच में खुद को सुरक्षित करके भी छिप नहीं पाएगा। सुरक्षिक्ष छिपकर भी वह काले और क्रुद्ध व्यक्ति से भयभित होगा।, जो उसे उसकी करतूतों की सजा देगा। (v।-33) 18. ‘एक सेनापति उत्सुकतावश पीछे भागती दुश्मन सेना की फौज का पीछा करेगा। वह उसके बचाव चक्र को भेदता हुआ, अंत: उन्हें रोक देगा। वे पैदल भांगेंगे, मगर उनसे अधिक दूर नहीं होगा वह। अंतिम जंग गंगा (ganges) के किनारे होगी।” (iv-51) 19. ’27 अक्टूबर 2025 को मेष के प्रभाव में तीसरी किस्म की जलवायु आएगी, एशिया का राजा मिस्र का भी सम्राट बनेगा। युद्ध, मौतें, नुकसान और ईसाइयों की शर्म के हालात बनेंगे। -(3/77 सेंचुरी)।
20.’साम्प्रदायिकता और शत्रुता के एक लंबे दौर के बाद सभी धर्म तथा जातियां एक ही विचारधारा को मानने लगेंगी।’ (6-10)। ’17 साल के भीतर 5 पोप बदले जाएंगे तब एक नया धर्म आएगा।’ -5-96। 21. एक समय ऐसा आएगा कि जब बेपढ़े लोग पढ़े लिखों की सभ्यता को तबाह कर देंगे और पुस्तकें वगैराह फूक डालेंगे। ऐसा दुर्लभ ज्ञान नष्ट कर दिया जाएगा जिसका अधिकांश भाग वापस नहीं पाया जा सकेगा। (6-17). 22.’शीघ्र ही पूरी दुनिया का मुखिया होगा महान ‘शायरन’ जिसे पहले सभी प्यार करेंगे और बाद में वह भयंकर व भयभीत करने वाला होगा। उसकी ख्याति आसमान चूमेगी और वह विजेता के रूप में सम्मान पाएगा।’ (v-70) 23. ‘एशिया में वह होगा, जो यूरोप में नहीं हो सकता। एक विद्वान शांतिदूत सभी राष्ट्रों पर हावी होगा।’ (x-75) 24.’सागरों के नाम वाला धर्म चांद पर निर्भर रहने वालों के मुकाबले तेजी से पनपेगा और उसे भयभीत कर देंगे, ‘ए’ तथा ‘ए’ से घायल दो लोग।’ (x-96) 25. ‘तीन ओर घिरे समुद्र क्षेत्र में वह जन्म लेगा, जो बृहस्पतिवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। उसकी प्रसंशा और प्रसिद्धि, सत्ता और शक्ति बढ़ती जाएगी और भूमि व समुद्र में उस जैसा शक्तिशाली कोई न होगा।’ (सेंचुरी 1-50वां सूत्र) 26. पांच नदियों के प्रख्यात द्वीप राष्ट्र में एक महान राजनेता का उदय होगा। इस राजनेता का नाम ‘वरण’ या ‘शरण’ होगा। वह एक शत्रु के उन्माद को हवा के जरिए समाप्त करेगा और इस कार्रवाई में छ: लोग मारे जाएंगे।’ (सेंचुरी v-27) 27. ‘पैगंबर के कुल नाम के अंतिम अक्षर से पहले के नाम वाले, सोमवार को अपना अवकाश दिवस घोषित करेगा। अपनी सनक में वह अनुचित कार्य भी करेगा। जनता को करों से आजाद कराएगा।’ (1-28)
सोर्स: अशोक कुमार शर्मा की पुस्तक से
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