RAJNAGAR सरायकेला जिले के राजनगर प्रखंड क्षेत्र के श्यामनगर में चुकाह पहाड़ की तराई पर स्थित दिशोम जाहेरगाढ़ मेंं आदिवासी दिशोम जाहेरगढ़ समिति की ओर से बाहा बोंगा (पूजा) का आयोजन किया गया.
सुबह नायके बाबा विशु हेम्ब्रम, कुडाम नायके सुनील टुडू , दिशोम जाहेरगाढ़ के अध्यक्ष बीजू बास्के, धानु टुडू, रायसेन मार्डी समेत कई गांव के ग्रामीण मिलकर पूजन सामग्री के साथ दिशोम जाहेरगढ़ श्यामनगर पूजा स्थल पहुंचे. जाहेरगाढ़ पहुंचने के बाद नायके बाबा बिशु हेम्ब्रम ने मारांग बुरु, जाहेर आयो एवं अन्य देवी देवताओं की पूजा अर्चना कर क्षेत्र की खुशहाली, सुख समृद्धि व निरोग रहने के लिए की कमना की.
इसके पश्चात सभी लोगों ने सामुहिक रुप से प्रसाद ग्रहण किया. बाहा पूजा में आदिवासी समाज के पुरूष, महिला एवं बच्चे परांपारिक परिधान में जाहेरगाढ़ पहूंचे और पूजा कर क्षेत्र की सुख समृद्धि व खुशहाली की कमना की.
*दिशोम जाहेरगढ़ में लोगों ने मत्था टेक क्षेत्र की सुख समृद्धि की कमना की*
बाहा पूजा के अवसर विभिन्न सामाजिक संगठन एवं राजनीतिक दल के लोगों भी शामिल हुए. इसमें सांसद प्रतिनिधि सांसद प्रतिनिधि मोतीलाल गौड़, ऑल इंडिया संथाली फ़िल्म एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश हांसदा, समाजसेवी सोमनाथ सोरेन, राजनगर सामुदायिक स्वास्थ्य के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जगन्नाथ हेम्ब्रम, बीस सूत्री सदस्य पप्पू राय, समाजसेवी सावन सोय समेत अन्य अतिथियों ने जाहेरगाढ़ पहुंच कर माथा टेका. मारांग बुरु जाहेर आयो एवं अन्य देवी देवताओं से क्षेत्र की सुख समृद्धि एवं खुशहाली की कमना की.
मांदर व नगाड़े की थाप पर जमकर बाहा नृत्य किये महिला- पुरुष
दिशोम जाहेरगाढ़ परिसर मेंं शाम के समय प्रखंड क्षेत्र के नामीबेड़ा एवं बान्दु के बाहा नृत्य दलों द्वारा बाहा नृत्य प्रस्तुत किया गया. मांदर व धमसे की थाप पर महिलाओं ने जमकर नृत्य किया. जैसे- जैसे शाम ढलती गई, हजारों की संख्या में आदिवासी महिला पुरुष बाहा पर्व का लुत्फ उठाने पहुंचने लगे. दिशोम जाहेरगढ़ से नायके बाबा बिशु हेम्ब्रम को मादल की थाप पर परांपारिक नृत्य करते हुए नायके को राजनगर साप्ताहिक बाजार के बगल स्थित उनके आवास तक पहुंचाया गया. इस दौरान हाता- चाईबासा मुख्य सड़क पर लोगों को हुजुम उमड़ पड़ा. राजनगर थाना की पुलिस बल को सड़क के दोनों छोर पर मुस्तैद होकर कुछ देर के लिए आवागमन को रोकना पड़ा. हालांकि इस बीच एम्बुलेंस के आवागमन के लिए मार्ग खाली रखा गया. जाहेरगढ़ से नायके के आवास तक लगभग एक से डेढ़ किमी तक पारंपरिक नृत्य करते हुए उनके आवास तक पहुंचाया गया. इस दौरान आदिवासी संस्कृति की झलक देखने को मिली.
मौके पर नायके बाबा बिशु हेम्ब्रम ने कहा कि आदिवासी प्राकृति के पुजारी है. बाहा पूजा यानी फुलों की पूजा (सखुआ एवं महुआ फुल ) की पूजा करते हैं. आदिवासी समुदाय बड़़ी धूमधाम एवं हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं. जिससे चारो ओर आदिवासी समुदाय बाहामय हो जाता है.
बाहा पर्व को सफलता पूर्वक सम्पन्न कराने में नायके बाबा बिशु हेम्ब्रम, कुडाम नायके सुनील टुडू, समिति के अध्यक्ष बीजू बास्के, रायसेन मार्डी , धानु टुडू, रामचंद्र हांसदा, शीशुराम टुडू, सिदो मुर्मू, करन बास्के, सुखलाल मुर्मू, सुखीन मार्डी, सुगदा हांसदा, मुनीराम हेम्ब्रम, छुटूलाल हांसदा, कालीचरण हांसदा, सिंघु मुर्मू, मनोज बास्के, पगान हांसदा, फातु मुर्मू, चतुर हेम्ब्रम, सीताराम हांसदा, सवना मुर्मू आदि का सराहनीय योगदान रहा.