राजनगर: झारखंड में स्कूलों से ड्रॉपआउट पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने बैक टू स्कूल अभियान का शुभारंभ किया है. इसके तहत शुक्रवार को प्रखंड सभागार में प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया.
कार्यशाला में मुख्य रूप से प्रखंड प्रमुख विशु हेम्ब्रम, बीडीओ डांगुर कोड़ा, बीस सूत्री अध्यक्ष धार्मा मुर्मू, बीईईओ सुनील कुमार केशरी, बीपीओ ममता दुबे, बीआरपी रंगलाल सतपथी समेत विभिन्न स्कूलों के प्रधानाध्यापक शामिल हुए.
बीडीओ डांगुर कोड़ा ने कहा कि बैक टू स्कूल अभियान को सबके के सहभागिता से सफल बनाया जाए. कोई भी बच्चा स्कूल टाइम में बाहर न रहे. इसके लिए सभी बच्चों का विद्यालय में नामांकन व ठहराव सुनिश्चित करें. वहीं प्रखंड प्रमुख विशु हेम्ब्रम एवं बीस सूत्री अध्यक्ष धार्मा मुर्मू ने कहा कि स्कूल रुआर अभियान सरकार का सराहनीय कदम है. चूंकि कोरोनकाल के बाद काफी सारे बच्चे ड्रापआउट हुए हैं, वे स्कूल जाना भी भूल चुके हैं. बच्चों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ना अति आवश्यक है. इसके लिए शिक्षकों के साथ अविभावक व जनप्रतिनिधियों को भी इस अभियान में बढ़चढ़ सहयोग करना होगा. वहीं प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी सुनील कुमार केशरी ने बताया कि सरकार द्वारा चलाये जा रहे बैक टू स्कूल अभियान का मुख्य उद्देश्य 6 से 18 आयु वर्ग के बच्चों को शतप्रतिशत स्कूलों में नामांकन कराना, उनका ठहराव सुनिश्चित करना तथा बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देना है. कोरोनाकाल में विद्यायल छोड़ चुके बच्चों को वापस स्कूल में दाखिला कराना है. प्रायः देखा जाता है कि कक्षा पांचवीं, आठवीं एवं मैट्रिक के बाद कई बच्चे आगे दाखिला नहीं ले पाते, जिससे वे ड्रापआउट हो जाते हैं. वैसे सभी बच्चों का स्कूल में नामांकन सुनिश्चित करना है. एमडीएम भी नियमित रूप से पूर्व की तरह तैयार कर खिलाया जा रहा है. अभियान की सफलता के लिए पंचायत प्रतिनिधि, माता समिति, ग्राम शिक्षा समिति एवं एनजीओ के साथ स्कूली स्तर पर कई कार्यक्रम चलाए जाएंगे. प्रचार प्रसार के लिए प्रचार रथ भी निकाला गया है. कार्यशाला का संचालन शिक्षा विभाग के बीपीओ ममता दुबे ने की. उन्होंने बैक टू स्कूल अभियान अथवा स्थानीय संथाली भाषा में ‘ स्कूल रुआर’ अभियान के उद्देश्य एवं एक माह तक चलने वाली इस अभियान की कार्यक्रमों के बारे में प्रकाश डाला.