पाकुड़/ Rahul Das बाजार में चावल की मूल्य में भारी तेजी आने से गरीब तबके के लोगों की दशा बदतर होती जा रही है. वहीं नेटवर्क की समस्या के कारण जन वितरण दुकानों में भी राशन वितरण कार्य में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. जिस कारण गरीब तबके के लोगो को बाजार से चावल खरीदना मजबूरी बन गया है.

आदिवासी बाहुल्य हिरणपुर प्रखंड में बीते वर्ष बारिश न होने से कृषक धान रोपाई नही कर सके थे, जिस कारण कृषकों को काफी नुकसान सहना पड़ा था. इस वर्ष अच्छी बारिश होने से कृषकों ने धान रोपाई को लेकर अपने- अपने घरों की जमा पूंजी खेती में लगा दिया. इस वर्ष फसल अच्छा रहने का अंदेशा है.
उधर जनवितरण दुकानों से मिल रहे राशन पर प्रखंड के अधिकांश लाभुक आश्रित है, पर अगस्त माह के राशन वितरण में असर पड़ने के कारण राशनकार्ड धारकों में हाहाकार मचा हुआ है. आमलोगों के पास चावल की कमी दिखाई पड़ने लगी है, क्योंकि जन वितरण का राशन ही एकमात्र सहारा बना हुआ है. वितरण कार्य मे व्यवधान पड़ने से बाजार में चावल की मूल्य में तेजी आ गई. जहां स्वर्णा सहित अन्य मोटा चावल 3200 से 3500 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बाजार में बिकता था. वही अभी 4000 रुपये क्विंटल तक पहुंच चुका है.
उधर बंगाल से आ रहे चावल की दर 6500 रुपये प्रति क्विंटल है, जो बाजार दर पूर्व की भांति यथावत है. दुकानदारों ने बताया कि जन वितरण दुकानों में चावल वितरण बन्द रहने से बाजार में चावल की मूल्य में तेजी आ गया था. पर धीरे- धीरे दर में गिरावट आ रही है. जन वितरण व्यवस्था दुरुस्त रहने से आम परिवारों को किसी प्रकार की दिक्कतें नही आएगी. आपूर्ति विभाग को चाहिए कि राशन वितरण की प्रक्रिया को चुस्त- दुरुस्त रखा जाए वहीं इसकी नियमित अनुश्रवण भी हो. इस सम्बंध में बीडीओ उमेश कुमार स्वांसी ने बताया जन वितरण व्यवस्था को जल्द ही दुरुस्त कर दिया जाएगा.
