दुनिया की पहली DNA वैक्सीन Zycov-D को भारत में मंजूरी मिल गई है. अब NTAGI चीफ एनके अरोड़ा ने बताया कि अक्टूबर से बच्चों को टीका लगेगा. इसमें भी गंभीर बीमारी वाले बच्चों की लिस्ट तैयार होगी. टीका सबसे पहले इन्हीं बच्चों को लगेगा. वैसे राज्य सरकारों को सुझाव है कि बौद्धिक विकास के लिए प्राथमिक स्कूल जल्दी खोलें. 12 से 17 के बीच के गंभीर बीमारी वाले बच्चों की एक सूची (List) तैयार की जाएगी, ताकि टीके की प्राथमिकता तय की जाए. Zycov D वैक्सीन के Roll out से पहले ये लिस्ट सार्वजनिक की जाएंगी. इस लिस्ट के आधार पर अक्टूबर से 12 से 17 के बीच के गंभीर बीमारी वाले बच्चे को टीका मिलना शुरू हो जाएगा.
गंभीर बीमारी वाले बच्चों को लगेगा पहले टीका
12 से 17 साल के 12 करोड़ बच्चे हैं. स्वस्थ बच्चों में गंभीर बीमारी या मृत्यु की संभावना न के बराबर है. 18- 45 साल के बीच के लोगों में गंभीर बीमारी होने की संभावना 10 से 15 गुना ज़्यादा होती है. चिंता Comorbidity (गंभीर बीमारी) वाले बच्चों को लेकर है इसलिए उनको टीकाकरण में प्राथमिकता है.
इस वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद देश में अब कोरोना के खिलाफ 6 वैक्सीन से लोगों को सुरक्षा दी जा सकेगी. कंपनी ने कहा कि उसकी सालाना ZyCoV-D की 100 मिलियन से 120 मिलियन खुराक बनाने की योजना है. कंपनी ने वैक्सीन का स्टॉक करना भी शुरू कर दिया है. कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड के रूप में सूचीबद्ध जेनेरिक दवा निर्माता ने 1 जुलाई को ZyCoV-D के प्राधिकरण के लिए आवेदन किया था. वैक्सीन का ट्रायल 28,000 से अधिक स्वयंसेवकों पर किया गया है. परीक्षण में इसकी प्रभावकारिता 66.6 प्रतिशत आकी गई है. ZyCoV-D कोरोनावायरस के खिलाफ दुनिया का पहला प्लास्मिड डीएनए वैक्सीन है. यह वायरस से आनुवंशिक सामग्री के एक हिस्से का उपयोग करता है.
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