राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा समर्थित मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ भी अब देश में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग को लेकर आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिया हैं.
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गुरुवार को भारतीय मजदूर संघ की ओर से जिला मुख्यालयों पर देशव्यापी धरना प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री के नाम एक मांग पत्र सौंपा गया जिसके माध्यम से संघ द्वारा देश में बढ़ती महंगाई बेरोजगारी और पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग की गई इधर झारखंड के जमशेदपुर और सरायकेला में भी बीएमएस द्वारा जिले के उपायुक्त के माध्यम से प्रधानमंत्री के नाम मांग पत्र सौंपा गया.
इस दौरान संघ द्वारा कहा गया कि अभी भारतीय मजदूर संघ मांग पत्र सौंपकर केंद्र सरकार से बढ़ती महंगाई बेरोजगारी सहित अन्य ज्वलंत मुद्दे को लेकर ध्यान आकर्षित कराने का प्रयास कर रहा है. जरूरत पड़ी तो भारतीय मजदूर संघ जोरदार देशव्यापी आंदोलन को बाध्य हो जाएगी. हालांकि अबतक कांग्रेस और वाम दल समर्थित मजदूर यूनियनों द्वारा ही केंद्र सरकार के नीतियों का विरोध किया जा रहा था. अब जब आरएसएस नीत भारतीय मजदूर संघ ने केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है तो यह देखना दिलचस्प होगा, कि क्या केंद्र सरकार महंगाई पर नकेल कसने को लेकर कोई ठोस नीति अपनाती है, या महंगाई के मुद्दे पर केंद्र सरकार और आरएसएस के बीच टकराव होगा.
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