राजनीतिक करियर की शुरुआत कैसे करें और सफ़ल राजनीतिज्ञ कैसे बनें जब राजनीतिक परिवार की पृष्ठभूमि न हो, पैसे न हों और बाहुबल न हो? ये तीन ज़रूरतें जो राजनीति के लिए अनिवार्य नहीं हैं लेकिन आज भारत में दुर्भाग्यवश ज़रूरी हो गई हैं। क्या विरोधाभास है! हालाँकि इस दुर्भाग्यपूर्ण सच्चाई में अच्छी बात यह है कि आपमें इन तीन चीजों की कमी है क्योंकि ये चीजें लोकतांत्रिक क्षरण और पिछड़ेपन को बढ़ावा देती हैं जैसा कि हम बिहार जैसे राज्यों के मामले में देख सकते हैं। एक सफ़ल राजनीतिज्ञ बनने के लिए आपको जरुरत होती है अच्छी नीयत की, एक मज़बूत रणनीति की और एक क्वालिटी पॉलिटिकल प्लैट्फ़ॉर्म की। बहुत सारे लोगों के पास अच्छी नीयत होती है लेकिन वे शुरुआत ही नहीं कर पाते क्योंकि उनके पास बाक़ी दो चीज़ों का अभाव होता है। प्लुरल्स यहाँ आपकी मदद के लिए सामने आ रहा है – आप अच्छी नीयत वाले सुधारकों के लिए बाक़ी दोनों चीज़ों के साथ।
यहाँ एक अवसर है समाज को कुछ देने का। बिहार में पंचायत चुनाव 2021 के आगामी महीनों में होने वाले हैं। लोगों की सेवा करने के लिए और अपनी राजनीतिक आकांक्षा को पूरा करने के लिए ज़मीनी स्तर (ग्रासरूट) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत करें। मुखिया बनें, असली पावर के साथ समाज के लिए काम करें और लोगों को बेहतर ज़िंदगी प्राप्त करने में मदद करके ग्रामीण परिवेश को बदलें। भारतीय संविधान के अंतर्गत मुखिया के नेतृत्व में ग्राम पंचायत को लोगों की सेवा के लिए काफ़ी प्रभावी पावर दिए गए हैं। भारत के संविधान के अनुच्छेद 243जी के तहत ग्राम पंचायत की शक्ति और ज़िम्मेदारी निम्नलिखित है:
243(जी): पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और दायित्व:
संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुए, किसी राज्य का विधान-मंडल, विधि द्वारा, पंचायतों को ऐसी शक्तियाँ और प्राधिकार प्रदान कर सकेगा, जो उन्हें स्वायत्त शासन की संस्थाओं के रूप में कार्य करने में समर्थ बनाने के लिए आवश्यक हों और ऐसी विधि में पंचायतों को उपयुक्त स्तर पर, ऐसी शर्तों के अधीन रहते हुए, जो उसमें विनिर्दिष्ट की जाएँ, निम्नलिखित के संबंध में शक्तियाँ और उत्तरदायित्व न्यागत करने के लिए उपबंध किए जा सकेंगे, अर्थात् :–
(क) आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय के लिए योजनाएँ तैयार करना;
(ख) आर्थिक विकास और सामाजिक न्याय की ऐसी स्कीमों को, जो उन्हें सौंपी जाएँ, जिनके अंतर्गत वे स्कीमें भी हैं, जो ग्यारहवीं अनुसूची में सूचीबद्ध विषयों के संबंध में हैं, कार्यान्वित करना।
ग्यारहवीं अनुसूची में शामिल विषय इस प्रकार हैं-
1. कृषि विकास एवं विस्तार
2. भूमि विकास, भूमि सुधार लागू करना, भूमि संगठन एवं भूमि संरक्षण
3. पशुपालन,दुग्ध व्यवसाय तथा मत्यपालन
4. मत्स्य उद्योग
5. लघु सिंचाई, जल प्रबंधन एवं नदियों के मध्य भूमि विकास
6. वन विकास
7. लघु उद्योग जिसमे खाद्य उद्योग शामिल है
8. ग्रामीण विकास
9. पीने का शुद्ध पानी
10. खादी, ग्राम एवं कुटीर उद्योग
11. ईंधन तथा पशु चारा
12. सड़क, पुल, तट जलमार्ग तथा संचार के अन्य साधन
13. वन जीवन तथा कृषि खेती (वनों में)
14. ग्रामीण बिजली व्यवस्था
15. गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोत
16. यांत्रिक प्रशिक्षण एवं यांत्रिक शिक्षा
17. प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा सम्बन्धी विद्यालय
18. गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम
19. वयस्क एवं बुजुर्ग शिक्षा
20. पुस्तकालय
21. बाजार एवं मेले
22. सांस्कृतिक कार्यक्रम
23. अस्पताल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जिनमे दवाखाने शामिल हैं
24. पारिवारिक समृद्धि
25. सामाजिक समृद्धि जिसमे विकलांग एवं मानसिक समृद्धि शामिल है
26. महिला एवं बाल विकास
27. समाज के कमजोर वर्ग की समृद्धि जिसमे अनुसूचित जाति और जनजाति दोनों शामिल हैं
28. लोक विभाजन पद्धति
29. सार्वजानिक संपत्ति की देखरेख”
प्लुरल्स की मंशा आपको अपना राजनीतिक करियर सिर्फ़ शुरू करने के लिए मदद देने की नहीं है बल्कि एक बार आपके चुनाव जीतने के बाद आपके मुखिया पद के पूरे कार्यकाल में यह आपके साथ खड़ा भी रहेगा। प्लुरल्स आपको काम करने की रणनीति और वैचारिक आधार भी देगा जिससे आपकी राजनीतिक छवि एक साफ़-सुथरे और सक्षम राजनेता के रूप में स्थापित हो।
द प्लुरल्स पार्टी राजनीतिक अवसर की समानता में यक़ीन रखती है। यह ग्राहक़वाद, भ्रष्टाचार और सरपरस्ती के पूर्णतया ख़िलाफ़ है। यह सामूहिक एक्शन का एक प्लैट्फ़ॉर्म है, इसलिए बिहार के किसी भी क्षेत्र, वर्ग और पहचान से जुड़े लोग जो प्लुरल्स की विचारधारा में विश्वास करते हैं, अपने पंचायत से उम्मीदवारी हेतु आवेदन के योग्य हैं। आपको एक पारदर्शी और बराबरी का मौक़ा दिया जाएगा और प्लुरल्स पोल कमिटी आपके आवेदन व बायो-डेटा का पूरी गम्भीरता से मूल्याँकन करेगी। कुछ अनिवार्य गुण जो प्लुरल्स अपने उम्मीदवारों में देखना चाहता है वे हैं – कर्तव्य के प्रति पूर्ण समर्पण, बेदाग़ कार्य-प्रणाली व नैतिकता और पार्टी विचारधारा के प्रति समर्पण।
अतः अगर आप यक़ीन करते हैं कि प्रत्येक व्यक्ति समान रूप से महत्वपूर्ण है और अपने आप में एक लक्ष्य है, अगर आपको यक़ीन है कि बिहार के मेहनती नागरिक बेहतर के हक़दार हैं, अगर आपको भरोसा है कि बिहार में अपार सम्भावनाएँ हैं और यह भारत के किसी भी अन्य राज्य जितना ही सक्षम है, अगर आपको यक़ीन है कि लोगों को बेहतर गुणवत्ता वाली ज़िंदगी देने वाली नीतियाँ और कार्यक्रम ही पॉलिटिक्स, पॉलिसी व गवर्नन्स के उद्देश्य होने चाहिए; और अगर आपको यक़ीन है कि आपमें वह सब कुछ है जो एक प्लुरल बनने के लिए चाहिए, तो यहाँ आवेदन कीजिए।
[उम्मीदवारी हेतु विचार किए जाने के लिए आपको एक संक्षिप्त फ़ॉर्म भरना है और दो दस्तावेज़ भी समर्पित करने हैं। पहला, एक उद्देश्य-वक्तव्य अधिकतम 1000 शब्दों में यह बताते हुए कि आपकी एजुकेशनल व प्रोफ़ेशनल पृष्ठभूमि क्या है, समाज के प्रति क्या प्रतिबद्धता है, प्लुरल्स की विचारधारा से क्या साम्यता है और चयनित पंचायत से चुनाव जीतने की आपकी रणनीति क्या होगी। दूसरा, आपको एक अद्यतन बायो-डेटा भी अपने एक हालिया फ़ोटो के साथ समर्पित करना है। अगर कमिटी आपके आवेदन को उपयुक्त पाएगी तो आपको साक्षात्कार के लिए आमंत्रित किया जाएगा। इस बीच या आमंत्रण न मिलने की स्थिति में कृपया पत्र-व्यवहार या फ़ोन-सम्पर्क न करें।]
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